नई दिल्ली: मणिपुर में दोबारा हुई हिंसा के चलते केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 20 अतिरिक्त कंपनियां मणिपुर भेजी हैं. इस कंपनी में शामिल दो हजार से ज्यादा जवानों को तुरंत हिंसा प्रभावित मणिपुर में तैनात किया जा रहा है. यहां के ज़िरिबन जिले में 11 आतंकियों के मारे जाने के बाद भी हालात अभी भी नियंत्रण से बाहर हैं और पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
ज़िरीबन जिले में उग्रवादियों ने कई घरों में आग लगा दी, साथ ही एक पुलिस स्टेशन और सीआरपीएफ कैंप पर भी हमला किया. जवाबी प्रतिक्रिया के दौरान 11 चरमपंथी मारे गये. घटना के बाद यहां के मैतेई समुदाय के तीन बच्चों समेत छह लोग अभी भी लापता हैं। इससे पहले, मणिपुर में 17 घरों को आग लगा दी गई थी और एक महिला के पैर में गोली मार दी गई थी, उसके साथ बलात्कार किया गया था और बाद में उसे जिंदा जला दिया गया था। जबकि खेत में काम कर रही एक महिला किसान की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई. इन घटनाओं के बाद कुकी और मैतेई समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए।
हाल की हिंसा की घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर कहा है कि उसने मणिपुर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 15 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीमा सुरक्षा बल की पांच कंपनियों सहित सीएपीएफ की 20 कंपनियों को तैनात किया है। इसके साथ ही अब सीएपीएफ की 20, सीआरपीएफ की 115, आरएएफ की आठ, बीएसएफ की 84, एसएसबी की छह और आईटीबीपी की पांच समेत कुल 218 कंपनियां 30 नवंबर तक मणिपुर में तैनात रहेंगी। मणिपुर में पिछले साल मई से हिंसा शुरू हुई जो अब भी जारी है. हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं जबकि कई लोग विस्थापित राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।
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