मणिपुर में हाल ही में हुए हमलों और बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. केंद्र ने मणिपुर के 5 जिलों – इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, जिरीबाम, कांगपोकपाई और बिष्णुपुर के 5 पुलिस स्टेशनों को AFSPA के तहत ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया है। यानी अब इन इलाकों में AFSPA दोबारा लागू कर दिया गया है. आपको बता दें कि इन इलाकों को 1 अक्टूबर 2024 से 6 महीने के लिए जारी AFSPA अधिसूचना से बाहर रखा गया था.
CAPF की 20 और कंपनियां भी तैनात
लगभग 2000 कर्मियों वाली 20 से अधिक सीएपीएफ कंपनियों को बुधवार को मणिपुर भेजा गया है। जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने मंगलवार रात इन यूनिटों को हवाई मार्ग से लाने और तत्काल तैनाती के आदेश दिए थे. गौरतलब है कि सोमवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ भीषण मुठभेड़ में कम से कम 11 संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे।
सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार बरामद किये हैं
अत्याधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों ने जिरीबाम जिले के जकुरधोर में बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और पास के सीआरपीएफ कैंप पर अंधाधुंध गोलीबारी की। भीषण मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किए हैं. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की जिन 20 और कंपनियों को मणिपुर भेजने का आदेश दिया गया है, उनमें सीआरपीएफ की 15 कंपनियां और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 5 कंपनियां शामिल हैं.
पिछले साल भी मणिपुर में हिंसा हुई थी
ये इकाइयां सीएपीएफ की उन 198 कंपनियों में से होंगी, जिन्हें पिछले साल मई में मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के बाद राज्य में तैनात किया गया है। इस हिंसा में 200 लोगों की मौत हो गई. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक ये सभी सीएपीएफ इकाइयां 30 नवंबर तक मणिपुर सरकार के अधीन रहेंगी और इनकी तैनाती भी बढ़ाए जाने की संभावना है.
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