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यह रांची हेडक्वार्टर से नहीं, गांव से चलने वाली सरकार : हेमन्त सोरेन

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रांची, 28 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार अपने प्रयास से राज्यवासियों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें सम्मान देने का कार्य कर रही है। आज यहां कल्याण विभाग सहित सभी विभाग के पदाधिकारी लगातार मेहनत कर रहे हैं। कल्याण विभाग बहुत बड़ा विभाग है, जो शहर से लेकर गांव तक लोगों का ध्यान रखता है।

मुख्यमंत्री शनिवार काे हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम, खेलगांव, रांची में आयोजित मरङ गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति शिलान्यास, नियुक्ति पत्र एवं परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम काे संबाेधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे गरीब-गुरबा लोगों को कोई भी चीज बहुत आसानी से नहीं प्राप्त होता है, इनके लिए अबतक जो नीति निर्धारण हुए हैं वह कारगर नही थे। पूर्व की सरकार में योजनाएं तो बनाई गई, लेकिन उसका लाभ गरीबों को नहीं मिल पाया है। हमारी सरकार लम्बे समय तक इस बात को महसूस किया और यह हमें हमेशा से देखने को मिला है। हमारी सरकार ने जनहित की योजनाओं का रूप ऐसा बनाया है ताकि सीधे आपसभी को उसका लाभ मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पहले भी कहा है और आज भी कहता हूं कि यह रांची हेडक्वार्टर से नहीं, गांव से चलने वाली सरकार है। राज्य में ऐसे भी गांव हैं जहां के लोगों ने प्रखंड के अधिकारियों को नहीं देखा है लेकिन अब समय बदल रहा है। अब प्रखंड कार्यालय और जिला से लेकर हेडक्वार्टर के पदाधिकारी पंचायत-पंचायत, गांव-गांव, घर-घर जाकर आपकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और आपको राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दे रहे हैं। अब समय बदल गया है।

सभी पात्र लोगों को मिला सर्वजन पेंशन योजना का लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार गठन के बाद कई चुनौतियां हमारे समक्ष रहीं। महत्वपूर्ण 2 वर्ष तो कोरोना जैसी महामारी में गुजर गया। जब जीवन सामान्य होने लगा तो आपके गांव, पंचायत में शिविर लगाकर जिला एवं प्रखंड के पदाधिकारियों द्वारा आपकी समस्याओं को सुनकर उसका निदान किया गया। अब गांव, पंचायत, टोला में “आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार” कार्यक्रम के माध्यम से राज्य सरकार को गांव की असली सूचनाएं आने लगी। समस्याएं कई हैं। गरीब-गुरबा के पास समस्या हमेशा मुंह बाए खड़ी रहती है। उन समस्याओं का एक-एक कर समाधान करना हमारी सरकार ने शुरू किया और इसके तहत पहला कदम “आपकी योजना-आपकी सरकार- आपके द्वार” कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के वृद्ध लोगों को बुढ़ापे की लाठी देने का काम किया। हर वृद्ध, विधवा महिला, दिव्यांग को पेंशन देने का काम हुआ। यह देश का पहला राज्य बना, जहां सभी जरूरतमंद को सर्वजन पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है।

नारी शक्ति को सम्मान के साथ आर्थिक रूप से कर रहे मजबूत

सोरेन ने कहा कि “झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” के तहत 18 वर्ष का उम्र पूरा कर चुकी हर बहन-माताओं को योजना का लाभ मिल रहा है। हमारी सरकार राज्य की नारी शक्ति को सम्मान देने के साथ-साथ आर्थिक रूप से मजबूत कर रही है। राज्य के नौजवानों को नौकरी देने के लिए कई प्रतियोगिता परीक्षाएं आयोजित की जा रही है। राज्य के आदिवासी, मूलवासियों की हितों के लिए हमारी सरकार ने झारखंड विधानसभा से सरना धर्मकोड पारित कर केंद्र सरकार को भेजा लेकिन उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने स्थानीय नीति बनाई उस पर ग्रहण लगा दिया गया। हमारी सरकार ने महिलाओं को सम्मान दिया। बच्चों को नौकरी के लिए एग्जाम दिलाया। पूर्व की सरकारों ने ऐसा क्यों नहीं किया? सिर्फ झारखंड ही इस देश में ऐसा राज्य है, जहां हम गरीबों को रोटी, कपड़ा, मकान, बच्चों के शिक्षा के लिए ऐसा रास्ता खोलने का प्रयास कर रहे हैं, जो भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा।

पारदेशीय छात्रवृत्ति के लाभुक छात्रों की संख्या में होगी वृद्धि

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए युवा आए हैं। उन्हें स्वीकृति पत्र उपलब्ध कराया जा रहा है। युवा ही बताएं कि देश का कौन सा ऐसा राज्य है जहां शत-प्रतिशत स्कॉलरशिप पर विदेश में उच्च शिक्षा दी जा रही हो। इस राज्य के नौजवानों में इतनी उत्सुकता है उच्च शिक्षा के लिए यह मुझे पता नहीं था। पहले हम लोगों ने छात्रों की संख्या को कम रखा लेकिन बड़ी तादात में बच्चे आने लगे फिर इसकी संख्या बढ़ाई गई। कई बच्चे पढ़ कर वापस आए। कईयों को वहीं रोजगार प्राप्त हो गया।

20 लाख आवास विहीन परिवारों को देंगे पक्का मकान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से झारखंड के 20 लाख आवास विहीन परिवारों को अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने राज्य के किसानों के साथ भी न्याय नहीं किया है। हमारी सरकार अब यहां के किसानों के 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण को माफ करने का काम किया है। राज्य सरकार झारखंड के बिजली उपभोक्ताओं को 200 यूनिट बिजली मुफ्त उपलब्ध करा रही है जबकि पुराने बिजली बिल को माफ भी किया गया है।

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