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सिल्वर ओक यूनिवर्सिटी और ओप्पो इंडिया द्वारा 'जेनरेशन ग्रीन' अभियान का दूसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा हुआ

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सिल्वर ओक यूनिवर्सिटी: सिल्वर ओक यूनिवर्सिटी ने ओप्पो इंडिया और ऑल-इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के सहयोग से 1एम1बी की सहायता से ‘जेनरेशन ग्रीन’ अभियान के दूसरे चरण का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

अभियान के हिस्से के रूप में, इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-कचरा) के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें मोबाइल फोन, चार्जर, बैटरी और तारों जैसे खराब हो चुके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उचित निपटान पर जोर दिया गया।

इस अवसर पर इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स की चेयरपर्सन कसुम कौल व्यास, डाॅ. मुख्य अतिथि गौरांग बाण (सलाहकार, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) थे। डॉ. एमएन पटेल (सलाहकार, सिल्वर ओक विश्वविद्यालय) और राकेश भारद्वाज (सार्वजनिक मामलों के प्रमुख, ओप्पो इंडिया) जैसे गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

सिल्वर ओक यूनिवर्सिटी के छात्रों ने ई-कचरा प्रबंधन के बारे में जानकारी और जागरूकता फैलाने के लिए नाटक, कविता पाठ और पोस्टर मेकिंग जैसी विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया।

सिल्वर ओक यूनिवर्सिटी के सलाहकार डॉ. एमएन पटेल ने कहा, ओप्पो इंडिया के साथ इस ई-कचरा जागरूकता अभियान में भाग लेना पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। 200 से अधिक स्कूलों को जोड़कर हम ई-कचरे के जिम्मेदार निपटान के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं, जो भविष्य में सतत विकास के लिए मार्गदर्शक बनेगा।

ओप्पो इंडिया के सार्वजनिक मामलों के प्रमुख राकेश भारद्वाज ने कहा, “स्थिरता का भविष्य छात्रों के हाथ में है।” ओप्पो ने ई-कचरे की रीसाइक्लिंग दर को 20% से 80% तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ विश्वविद्यालयों के सहयोग से 4,00,000 से अधिक प्रतिज्ञाएँ ली हैं।

मुख्य अतिथि, कसुम कौल व्यास ने 3आर – रिड्यूस, रियूज, रिसाइकल – के महत्व पर जोर दिया। डॉ। गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सलाहकार गौरांग बून ने कहा, “हमने सख्त नियमों के साथ लाइसेंस जारी करके बायोटेक कचरे का निपटान करने में सफलता हासिल की है। अब हमें ई-कचरा प्रबंधन में भी मिलकर कदम बढ़ाना होगा।”

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