लखनऊ, 07 नवम्बर (हि.स.)। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में गुरूवार को राजभवन में कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों के स्थापना दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति पर आधारित लोक नृत्य की प्रस्तुति के साथ-साथ राज्यों की सांस्कृतिक विविधता एवं अद्यतन विकास पर आधारित डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन भी किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि सामान्यतः दक्षिण भारत की संस्कृति को जानने का प्रयास कम होता है और इस तरह के कार्यक्रमों से इन राज्यों की समृद्ध संस्कृति और इतिहास को जानने का अवसर मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न प्रदेशों के युवा विद्यार्थीगण परस्पर एक-दूसरे राज्य में जाकर वहाँ की भाषा और संस्कृति सीखते हैं, जिससे ’एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करने में मदद मिलती है। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों को जानें, क्योंकि जब तक हम विभिन्न भाषाएं नहीं सीखेंगे, हम क्षेत्रीय साहित्य और ज्ञान तक नहीं पहुंच सकते। उन्होंने अपनी भाषा का महत्व समझने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
कार्यक्रम में कर्नाटक और तमिलनाडु के लोक नृत्यों की प्रस्तुति करने वाले कलाकारों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कलाकारों की अभिव्यक्तियों और भावभंगिमाओं से उनके संदेश को समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे इन कलाकारों की मुद्राओं और भाषाओं को सीखें, जो सांस्कृतिक अध्ययन का अहम हिस्सा हैं।
उन्होंने तमिलनाडु में स्थित ‘विवेकानंद स्टैचू‘ को महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केन्द्र बताया और ‘काशी तमिल‘ समागम का उल्लेख करते हुए कहा कि इन स्थलों से लोगों को एकजुट करने और हमारी साझा संस्कृति को समझने का अवसर मिलता है। उन्होंने तमिलनाडु के विश्व धरोहर स्थल महाबलीपुरम का भी जिक्र किया, जहाँ पाँच पांडवों का मंदिर स्थित है। राज्यपाल ने रामेश्वरम, कांचीपुरम और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को दर्शनीय तथा ऐतिहासिक बताया।
कार्यक्रम में उत्तर मध्य सांस्कृतिक क्षेत्र प्रयागराज, संस्कृति विभाग एवं भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ के कलाकारों द्वारा कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य की लोक संस्कृति को दर्शाने वाले कई शानदार नृत्य प्रस्तुत किए गए, जिनमें कर्नाटक के महत्वपूर्ण लोकनृत्य सुग्गी, करगा तथा तमिलनाडु के कोलाट्टम, भरत नाट्यम, शिवतांडव, कावड़ी चिन्दू, तिललाना नृत्य आदि की मनमोहक प्रस्तुतियां शामिल थीं। नृत्य कलाकारों की अभिव्यक्ति और भावभंगिमा ने दर्शकों के बीच एक गहरी छाप छोड़ी। इस अवसर पर राज्यपाल ने कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य की संस्कृति, खान-पान, परिधान, प्रमुख स्थलों, महान विभूतियों एवं लोक संस्कृति पर आधारित एक प्रदर्शनी तथा आकर्षक रंगोली का भी अवलोकन किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन
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