इंटरनेट डेस्क। आपने सुना होगा की किसी को जिंदा रहने के लिए दो टाइम का खाना चाहिए होता है। लेकिन कुछ परिस्थितयां ऐसी भी बन जाती हैं की लोगों को जिंदा रहने के लिए और भी काम करने पड़ जाते है। ऐसा ही मामला सामने हैं अफ्रीकी देश सूडान में हुए भीषण गृहयुद्ध से भागकर चाड पहुंची 27 वर्षीय महिला के साथ। उसे लगा कि अब वह सुरक्षित है। लेकिन यहां उसके संघर्ष ने और भी दर्दनाक रूप ले लिया। दरअसल, भूख और बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उसे यौन शोषण का सामना करना पड़ा।
क्या हैं पूरा मामला
पीड़ित महिला ने बताया कि उसके 7 सप्ताह के बच्चे का जन्म एक सहायता कर्मी के साथ संबंध बनाने के बाद हुआ, जिसने उसे भोजन और पैसे के बदले में यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। शरणार्थी शिविरों में रहने वाली कई महिलाओं और लड़कियों ने खुलासा किया कि उन्हें स्थानीय सुरक्षा कर्मियों और सहायता कर्मियों द्वारा यौन शोषण का सामना करना पड़ा।
क्या बताया महिला ने
मीडिया रिपोटर्स की माने तो एक महिला ने बताया कि जब उसके बच्चों के लिए भोजन खत्म हो गया, तो उसने एक सहायता कर्मी से मदद मांगी। तब वह सहायता कर्मी यौन संबंध बनाने के बदले में हर बार करीब 1000 रुपए देता था। वहीं बच्चे के जन्म के बाद उसने महिला को छोड़ दिया। साथ ही राहत शिविरों में सुरक्षित स्थान और शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था तो है, लेकिन महिलाएं या तो इनके बारे में नहीं जानतीं या फिर इनका इस्तेमाल करने से डरती हैं। दरअसल, युद्ध में अपने परिवार को खो चुकी 19 वर्षीय युवती ने कहा कि अगर हमारे पास पर्याप्त संसाधन होते, तो हमें अपनी गरिमा नहीं खोनी पड़ती।
pc- healthunbox.com
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