इंटरनेट डेस्क। राजस्थान की भजनलाल सरकार अशोक गहलोत सरकार के कई फैसलों को बदल चुकी है। अब सीएम भजनलाल सरकार पिछली सरकार का एक और बड़ा फैसला पलटने जा रही है। भजनलाल सरकार फिर से परीक्षा के लिए आवेदन फॉर्म की फीस जमा करना अनिवार्य कर रही है। भाजपा सरकार के इस फैसले का प्रभाव प्रदेश के 40 लाख बेरोजगारों पर पड़ेगा।
आपको बात दें कि पूर्ववर्ती अशोक गहलोत ने अपने कार्यकाल के आखिरी साल में वन टाइम रजिस्ट्रेशन फीस का नियम बनाया था। इसके तहत अभ्यर्थियोंं को केवल एक बार रजिस्ट्रेशन फीस जमा करनी थी। इसके तहत एक बार रजिस्ट्रेश फीस जमा होने के बाद भविष्य में किसी भी भर्ती परीरक्षा का फॉर्म भरने के लिए कोई अलग से शुल्क अभ्यर्थियों को नहीं देना होता था।
खबरों क अनुसार, अब प्रदेश की भाजपा सरकार गहलोत सरकार के इस वन टाइम रजिस्ट्रेशन फीस नियम को बदलने की तैयारी में है। इसे खत्म करने का प्रस्ताव भजनलाल सरकार के पास आया है। राजस्थान के कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग ने इससे सरकार को भारी नुकसान होने का तर्क दिया है।
अब अभ्यर्थियों को देना होगा इतना शुल्क
अधिकारियों ने तर्क दिया कि एक परीक्षार्थी पर सरकार को परीक्षा कराने में 600 रुपए का खर्च आता है, लेकिन 60 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा में नहीं बैठ रहे हैं। इससे सरकार को नुकसान हो रहा है। अब भजनलाल सरकार की ओर से लाए जा रहे नियम के तहत आरक्षित वर्ग को 200 रुपए और सामान्य वर्ग को परीक्षा शुल्क के रूप में 300 रुपए देने होंगे।
PC:dipr.rajasthan
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