इंटरनेट डेस्क। भारतीय कला के संरक्षण में तवायफों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारतीय इतिहास में उन्होंने कला समाज के सांस्कृतिक और कलात्मक परंपराओं को जिंदा रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हालांकि समाज द्वारा उन्हें सम्मान नहीं दिया।
इसी कारण तवायफों का जीवन कठिनाइयों और संघर्षों से भरा रहा। अपनी खुली जिंदगी के कारण ही उन्हें व्यक्तिगत सुखों का त्याग कर चुकानी पड़ती थी। उन्हें नियमों का पालन करना होता है। वह मालकिन की अनुमति के बिना कोठे से बाहर नहीं जा सकती थीं। इन महिलाओं को हर हाल में अपने कद्रदानों के सामने मुजरा और संगीत पेश करना पड़ता था,चाहे वह उस स्थिति में हो या नहीं।
इन महिलाओं को परिवार, विवाह, और सामान्य रिश्तों से दूर हरता पड़ता था। इस खूबसूरत महिलाओं से कोठों पर कई प्रकार के काम करवाए जाते थे। इसके बाद भी समाज ने कभी भी इन महिलाओं को कभी भी नहीं अपनाया। एक समय उनके पास कोई अधिकार नहीं हुआ करते थे।
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