मनोरंजन न्यूज़ डेस्क - 1988 में धीर बी.आर. चोपड़ा के महाकाव्य टेलीविजन धारावाहिक 'महाभारत' में नज़र आए। 'रामायण' के बाद इस शो को लेकर लोगों में काफी क्रेज था और कर्ण के किरदार से पंकज धीर ने सभी का दिल जीत लिया। कर्ण के उनके किरदार की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्कूल की किताबों में कर्ण के संदर्भ में उनकी तस्वीरें इस्तेमाल की जाती थीं। इतना ही नहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि करनाल और बस्तर के मंदिरों में उनकी मूर्तियों को कर्ण के रूप में पूजा जाता है।
कई टीवी शो और फिल्मों में किया काम
वे टीवी सीरीज 'जी हॉरर शो' (1993) के पहले एपिसोड 'दस्तक' में अर्चना पूरन सिंह के साथ अहम भूमिका में नज़र आए। इसके अलावा वे कोर्ट-रूम ड्रामा पर आधारित टीवी सीरीज 'कानून' में वकील की भूमिका में नज़र आए। साल 2006 में धीर ने अपने भाई सतलुज धीर के साथ मिलकर मुंबई के जोगेश्वरी में एक शूटिंग स्टूडियो 'विज़ेज स्टूडियो' की स्थापना की। 2010 में उन्होंने मुंबई में एक एक्टिंग एकेडमी खोली, जिसमें गूफी पेंटल को फैकल्टी हेड बनाया गया।
पहले ऑफर हुआ था अर्जुन का रोल
कहा जाता है कि पंकज को पहले अर्जुन का रोल ऑफर हुआ था, जो महाभारत के सबसे लोकप्रिय किरदारों में से एक है। यह रोल फिरोज खान को दिया गया था और कहा जाता है कि इस रोल को निभाने के लिए फिरोज को अपनी पहचान छिपानी पड़ी थी। इस किरदार की लोकप्रियता ही थी कि लोग उन्हें उनके असली नाम से ज्यादा अर्जुन के नाम से जानते थे। जब यह रोल पंकज धीर को दिया गया तो पूरा मामला उनकी मूंछों पर आकर अटक गया। क्योंकि पंकज ने अपनी मूंछें हटाने से मना कर दिया और यह रोल उनके हाथ से निकल गया।
बाद में मेकर्स ने उनसे फिर संपर्क किया
कहा जाता है कि उन्हें इस शो से बाहर कर दिया गया था। हालांकि बाद में मेकर्स ने उनसे फिर संपर्क किया और उन्हें कर्ण का रोल ऑफर हुआ, जो आज भी लोगों के जेहन में जिंदा है।
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