बिहार न्यूज़ डेस्क नालंदा, शेखपुरा समेत सूबे के 27 जिलों में जल्द ही औषधि भंडार केंद्र खुलेंगे. इससे स्थानीय अस्पतालों में समय पर मानक के अनुसार सभी तरह की दवाइयां भेजी जा सकेंगी. प्रत्येक केंद्र के निर्माण पर 85 लाख रुपए खर्च होगा. औषधि भंडार केंद्र सभी जिलों में सदर अस्पतालों में बनाए जाएंगे. पहले चरण में 20 तो दूसरे चरण में सात जिलों में भंडार केंद्र का निर्माण किया जाएगा. इसके लिए सदर अस्पतालों में जगह चिह्नित किया जा रहा है.
पहले चरण में नालंदा, औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, कैमूर, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, सारण, सीतामढ़ी, सिवान व सुपौल जिला में भंडार केंद्र बनाया जाएगा. वहीं, दूसरे चरण में पटना, दरभंगा, अररिया, बक्सर, शेखपुरा, गया और पश्चिम चंपारण जिला मुख्यालय में बनेंगे.
आठ हजार वर्ग फीट में बनेगा भंडार केंद्र : औषिध भंडार केंद्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत बनाया जाएगा. इसके लिए 17 करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं. प्रत्येक भंडार गृह आठ हजार वर्ग फीट में होगा. यहां दवाओं के भंडारण के लिए एसी से लेकर फ्रीज की सुविधाएं भी रहेंगी. इसके साथ ही एक्सपायर दवाओं के नष्ट करने की भी व्यवस्था रहेगी.
औषधि भंडार केंद्र से दूर होगी दवाइयों की किल्लत : सरकारी अस्पतालों में रोगियों को मुफ्त दवाइयां दी जाती हैं. कई बार दवाओं की कमी के कारण उन्हें समय पर दवा नहीं मिल पाती है. स्थानीय स्तर पर दवा भंडार रहने से दवाओं की किल्लत खत्म होगी. केंद्रों पर दवाओं की आपूर्ति बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम करेगी.
सदर अस्पताल में औषधि भंडार केंद्र बनाने के लिए जगह की तलाश की जा रही है. जगह मिलते ही निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. यहां दवाइयों के रखने की अत्याधुनिक सुविधाएं बहाल होंगी. -श्याम कुमार निर्मल, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य समिति
पटना न्यूज़ डेस्क
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