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विवाह में हो रही देरी? तो देवउठनी एकादशी के दिन बस कर लें ये आसान उपाय

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन एकादशी व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि साल में 24 बार पड़ता है जिसमें कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को बेहद ही महत्वपूर्ण बताया गया है जो कि देवउठनी एकादशी के नाम से जानी जाती है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना का विधान होता है देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है

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इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु पूरे चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं। प्रभु के जागने के बाद एक बार फिर से सभी शुभ कार्यों का आरंभ हो जाता है इस साल देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन कुछ उपायों को करने से शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं और बाधाएं दूर हो जाती हैं तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं। 

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देवउठनी एकादशी पर करें ये उपाय—
अगर किसी लड़की या फिर लड़के के विवाह में कोई बाधा आ रही हे या फिर शीघ्र विवाह के योग नहीं बन रहे हैं तो ऐसे में देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय केसर, पीले चंदन या हल्दी के तिलक का प्रयोग करें। फिर भगवान को पीले पुष्प अर्पित करें माना जाता है कि इस उपाय को करने से शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं और बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। 

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मनोकामना पूर्ति के लिए एकादशी के दिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है और एकादशी के दिन पीपल को जल अर्पित करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह करना शुभ माना जाता है। इससे शादी में आने वाली सारी रुकावटें दूर हो जाती है और शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं। 

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