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Jaipur Foundation Day 2024: 6 गांवों को मिलाकर बसाया गया था जयपुर, वीडियो में देखें ऐसे बनी थी वर्ल्ड फेमस पिंक सिटी

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सांस्कृतिक, हेरिटेज और वास्तु कला के लिए विश्वभर में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले ऐतिहासिक जयपुर शहर की स्थापना आज ही के दिन साल सत्रह-सौ-सत्ताईस में हुई थी। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के सबसे बड़े राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर आज अपना 297वां स्थापना दिवस मना रहा है। तो आईये आज इस मौके पर जानते हैं जयपुर से जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स जो आपको हैरान कर के रख देंगें 

दुनिया में गुलाबी नगरी के नाम से मशहूर जयपुर को विश्व में कला नगरी ,सांस्कृतिक राजधानी, भारत का पेरिस और छोटी काशी जैसे नामों से भी जाना जाता है। तीन ओर से अरावली की पर्वतमाला से घिरे जयपुर की स्थापना 18 नवंबर सत्रह-सौ-सत्ताईस को कछवाहा वंश के महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने बंगाल के वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य की मदद से की थी। जयपुर देश और दुनिया का पहला ऐसा शहर है जिसकी स्थापना पूरी तरह से प्लानिंग और वास्तु शास्त्र के आधार पर की गई है

स्थापना के समय मात्र 9 मील में बसा जयपुर शहर लगातार आगे बढ़ते हुए आज लगभग 467 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गया है। जयपुर का राजस्थान और भारत में विलय साल 1950 में हुआ था। उस समय राजस्थान की जनसंख्या लगभग 2 लाख 94 हजार थी, जो साल 1975 तक बढ़कर 7 लाख 78 हजार तक पहुंच गई थी। इसके बाद आने वाले कुछ सालों में जयपुर ने दिन दोगुनी और रात चौगुनी रफ़्तार से विकसित होना शुरू किया, जिसके चलते साल 2000 तक जयपुर की जनसंख्या 23 लाख के करीब पहुंच गई थी, हालंकि वर्तमान समय में जयपुर की आबादी लगभग 43 लाख तक पहुंच गई है। 

हाल ही में विश्व के दस सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल जयपुर की मुख्य आबादी इसके नए क्षेत्रों और कॉलोनियों में फैली हुई है। इन क्षेत्रों और कॉलोनियों में एशिया की सबसे बडी आवासीय बस्ती मानसरोवर, चमचमाती सड़कों बहुमंजिला शापिंग माल और आधुनिकता को छूती आवासीय बिल्डिंग्स से बना मालवीय नगर, जयपुर के ऑफिस और कोपरेट हब के रूप में उभरा वैशाली नगर, पॉश रेस्टोरेंट और कैफे का हब सी स्कीम, शॉपिंग और फ़ूड के लिए मशहूर राजा पार्क, लघु और कुटीर उद्योग हब के रूप में उभरता सांगानेर, आदर्श नगर, विद्याधर नगर, झोटवाड़ा, आमेर, ग्रीन फ़ील्ड एयरपोर्ट और एरोट्रोपेलिस प्रोजेक्ट का घर शिवदासपुरा और पदमपुरा, जयपुर का सबसे महंगा इलाका जगतपुरा, जयपुर का दूसरा सबसे महंगा इलाका कलवार रोड और अजमेर रोड पर स्थित पत्रकार कॉलोनी आदि शामिल हैं। 

दुनिया के सबसे नियोजित और व्यवस्थित शहरों में गिने जाने वाले जयपुर का मुख्य विस्तार 1970 के बाद शुरू हुआ। पिंक सिटी को सबसे ज्यादा गति यहां के उद्योगों ने दी, जिसमें मुख्य रूप से धातु, संगमरमर, वस्त्र छपाई, हस्त-कला, रत्न व आभूषण का आयात-निर्यात तथा पर्यटन उद्योग आदि शामिल हैं। जयपुर में हीरे, जेम्स और जवाहरात की बड़ी मंडी है, इसे दुनिया की सबसे बड़ी जेम्स एंड ज्वैलरी मंडी भी माना जाता है। इसके अलावा जयपुर की रजाई विश्वभर में प्रसिद्ध है, जो काफी हल्की होने के साथ सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडी रहती है। इसके साथ ही करीब 500 साल पुराने सांगानेरी प्रिंट ने जयपुर के हैंड ब्लॉक एंटीक उद्योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी पहचान भी दिलाई है। यहां के उद्योगों को मुख्य गति जयपुर के बाजारों ने दी, जिन्हें अलग-अलग उद्योगों के लिए व्यवस्थित ढंग से अलग-अलग जगहों पर बसाया गया था। 

इन बाजारों के बूते जयपुर विश्वभर में पर्यटन के साथ-साथ शॉपिंग डेस्टीनेशन के तोर पर भी स्थापित हुआ। जयपुर के मुख्य बाजारों की बात करें तो यहां रत्न और आभूषणों के लिए जोहरी बाज़ार, चूड़ियों के लिए त्रिपोलिया बाज़ार, हस्तशिल्प के लिए चांदपोल बाज़ार, वस्त्रों के लिए किशनपोल बाज़ार, पारंपरिक जूतियों के लिए नेहरू बाज़ार, स्ट्रीट शॉपिंग के लिए सिरेह देवरी बाज़ार, सभी तरह के जयपुरी सामानों के लिए बापू बाजार, मिट्टी के बर्तनों के लिए एमआई रोड बाजार, एंटीक्स के लिए जेम पैलेस, घर की साज-सज्जा की वस्तुओं के लिए अरावली बाज़ार, विवाह सामग्री के लिए पुरोहित जी का कटला, विंडो शॉपिंग के लिए गौरव टावर, अचार, जैकेट, हैंडलूम और तिब्बती सामानों के लिए तिब्बती बाजार, ब्लू पोटरी के लिए  कृपाल कुंभ बाजार, पारंपरिक और प्राचीन आभूषणों के लिए जेम पैलेस आदि हैं। इसी के साथ यहां के मुख्य बाजारों में चौड़ा रास्ता, रामगंज, हवामहल बाजार, घाटगेट, चांदी की टकसाल, गणगौरी बाजार, सूरजपोल, संजय बाजार, इंदिरा बाजार, गोपालजी का रास्ता, हल्दियों का रास्ता, घी वालों का रास्ता, खजाने वालों का रास्ता, लालजी सांड का रास्ता, झालानियों का रास्ता, नाहरगढ़ रोड, जयंती बाजार, ब्रह्मपुरी बाजार आदि भी शामिल है। 

हालंकि जयपुर की अर्थव्यवस्था में एक काफी बड़ा योगदान यहां के पर्यटन उद्योग का भी है, पिंक सिटी में पर्यटन उद्यान की शुरुवात साल 1876 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के जयपुर आने से हुई थी। इनके इस दौरे के बाद जयपुर ने विश्व के पर्यटन पटल पर खुद को एक ही तरह से स्थापित किया, और इसी का नतीजा है की आज हर साल लगभग 15 करोड़ देसी और विदेशी पर्यटक जयपुर का दीदार करने आते हैं। जयपुर के टूरिस्ट सीजन की शुरुवात खासकर सर्दियों के सीजन यानी अक्टूबर से होती है, जो मार्च और अप्रैल तक चलता है। इस दौरान विश्वभर से टूरिस्ट यहां के आमेर फोर्ट, नाहरगढ़ फोर्ट, जयगढ़ फोर्ट, जल महल, जंतर मंतर, हवा महल, सिटी पैलेस, राम निवास बाग, गलताजी, सिसोदिया रानी का बाग, गैटोर की छतरियां, अल्बर्ट हॉल, बिड़ला मंदिर, सैन्ट्रल पार्क, कनक वृन्दावन, सरगासूली, महारानी की छतरी, जयपुर वैक्स म्यूजियम और नाहरगढ़ स्कल्पचर पार्क आदि शामिल हैं। इसके अलावा जयपुर आस-पास के क्षेत्र में भी कई ऐसी जगहें हैं जो टूरिस्ट को अपनी ओर आकर्षित करती हैं, इनमें आभानेरी, पन्ना मीणा का कुंड, रामगढ़ झील, सामोद महल जैसी कई जगहें शामिल हैं। इसके अलावा टूरिस्ट को आकर्षित करने के जयपुर में कई नेशनल पार्क, रिजर्व और सफरियाँ भी हैं, इसमें मुख्य रूप से झालाना लेपर्ड सफारी, नहारगढ़ लेपर्ड सफारी, नाहरगढ़ बिओलॉजिकल पार्क, हाथी सफारी के साथ कुछ ही दुरी पर स्थित रणथम्भोर नेशनल पार्क और सरिस्का नेशनल पार्क और मुकुन्दरा नेशनल पार्क भी शामिल हैं।  

यहां के अनगिनत दर्शनीय स्थलों के साथ पर्यटक यहां विभिन्न फेस्टिवल्स का मजा लेने भी आते हैं, इन फेस्टिवल्स में मुख्य रूप से मकर सक्रांति, होली, गणगौर की सवारी, तीज, तीज की सवारी, तीज जुलूस, न्यू ईयर और कई हस्तशिल्प एवं कला प्रदर्शनियां शामिल हैं। इसी के साथ टूरिज्म के चलते जयपुर का डेस्टिनेशन वेडिंग बिज़नेस भी काफी फल-फूल रहा है। इसकी बदौलत टूरिज्म और बाजारों के साथ यहां के होटल्स को भी काफी बढ़ावा मिल रहा है। और इन सभी के चलते जयपुर में दुनिया के कुछ सबसे बेहतरीन होटल्स भी बनाये गए हैं जिनमें विश्व का सबसे बेस्ट पैलेस होटल रामबाग पैलेस, दुनिया के सबसे लक्जरी होटल्स में से एक ओबरॉय राजविलास, दुनिया के सबसे चुनिंदा हेरिटेज होटल्स में शुमार आईटीसी राजपूताना, राजस्थानी लोकरंग और संस्कृति से सराबोर जयमहल पैलेस, राजस्थान की कला संस्कृति और परंपराओं से वाकिफ करवाने वाला चोखी ढाणी रिसोर्ट, लग्जरी और रॉयल रहवास के साथ साथ विश्वस्तरीय हॉस्पिटैलिटी देने वाला ली मेरेडियन, रॉयल और ट्रेडिशनल लुक के कारण दुनियाभर में मशहूर होटल शिव विलास, शहर के बीचों बीच बसा रमाडा होटल, राजस्थानी संस्कृति और विश्वस्तरीय हॉस्पिटैलिटी का बेजोड़ नमूना होटल क्लार्क्स आमेर और जयपुर के राजसी ठाठ-बाट के लिए मशहूर होटल मानसिंह आदि शामिल हैं। 

विश्वभर के टूरिस्ट यहां के खान-पान के भी काफी दीवाने हैं, यहां के सबसे मशहूर फूड्स की बात करें तो इसमें रावत मिष्ठान भंडार की प्याज़ कचौड़ी, संजय रेस्तरां का ऑमलेट, संतोष भोजनालय का दाल बाटी चूरमा, ज्ञान विहार डेयरी का सैंडविच, कॉफी और मिल्क शेक, चोखी ढाणी का राजस्थानी खाना, अनोखी रेस्टोरेंट का इटेलियन खाना, लक्ष्मी मिष्ठान भंडार का घेवर, चावला और नंद के गोलगप्पे, गुलाब जी चायवाला की मसाला चाय, पंडित पाव भाजी स्टॉल की स्पेशल पाव भाजी आदि शामिल हैं। इसके अलावा यहां कई ऐसी चोपाटियाँ और बाजार हैं जिन्हें अपने स्ट्रीट फ़ूड एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता है, इनमें मुख्य रूप से मसाला चौक, मानसरोवर चौपाटी, प्रतापनगर चौपाटी, जयपुर चौपाटी, परकोटा बाजार और गौरव टावर के पीछे का बाजार आदि शामिल हैं। 

पर्यटन और खाने के अलावा जयपुर राजस्थान और देश समेत सम्पूर्ण विश्व में अपने शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी काफी मशहूर है। जयपुर के कुछ सबसे फेमस स्कूल्स की बात करें, तो इसमें जयश्री पेरीवाल हाई स्कूल, नीरजा मोदी स्कूल, महारानी गायत्री देवी गर्ल्स स्कूल, महाराजा सवाई मान सिंह विद्यालय, इंडिया इंटरनेशनल स्कूल, सेंट जेवियर्स स्कूल, माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, विद्याश्रम पब्लिक स्कूल, रुक्मणी बिड़ला मॉडर्न हाई स्कूल, सेंट एंजेला सोफिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सुबोध पब्लिक स्कूल, रावत पब्लिक स्कूल और पोद्दार स्कूल आदि शामिल हैं। इसके साथ ही उंच्च शिक्षा के लिए जयपुर में मालवीय नैशनल इंस्टीटियूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी , आनंद इंटरनैशनल कॉलेज ऑफ़ इंजीनीयरिंग, अपेक्स इंस्टीटियूट ऑफ़ इंजीनीयरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी , आर्या कॉलेज ऑफ़ इंजीनीयरिंग ऐंड इन्फ़ार्मेशन टेक्नोलॉजी , बिफ़ ऐंड ब्राइट कॉलेज, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, डाक्टर राधा कृष्णन इंस्टीटियूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, महारानी गर्ल्स इंजीनियरिंग कॉलेज, महर्षि अरविंद इंस्टिट्यूट, महात्मा गांधी कॉलेज, पूर्णिमा कॉलेज , राजस्थान कॉलेज, राजधानी इंजीनियरिंग कॉलेज, स्टेनी मैमोरियल कॉलेज, स्वामी केशवानंद प्रौद्योगिकी संस्थान, एलएनएम इंस्टीट्यूट, वैदिक गुरुकुल इंस्टीच्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विवेकानंद इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, बनस्थली विद्यापीठ, पोद्दार कॉलेज, लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज, जैपुरिया कॉलेज आदि शामिल हैं। इसके साथ ही जयपुर में कई यूनिवर्सिटी भी हैं, इसमें सबसे बड़ी राजस्थान यूनिवर्सिटी है जिसकी कुलपति प्रो अल्पना कटेजा और प्रसिडेंट निर्मल चौधरी है। इसके अलावा यहां कई प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी हैं, जिसमें मणिपाल यूनिवर्सिटी, एमिटी यूनीवर्सिटी, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी, निम्स यूनिवर्सिटी, सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी, जेएनयू यूनिवर्सिटी, महात्मा ज्योति राओ फूले यूनिवर्सिटी और जगननाथ यूनिवर्सिटी आदि शामिल हैं। 

स्कूल और कॉलेज के अलावा जयपुर सरकारी परीक्षाओं और नौकरी की तैयारी के लिए भी काफी फेमस हैं। यहां कहीं ऐसी कोचिंग इंस्ट्यूट हैं जो अलग-अलग तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराती है। आप यहां की कोचिंग का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि सरकार ने इन्हें अच्छा माहौल देने के लिए प्रताप नगर में अलग से एक कोचिंग हब का निर्माण कराया है। यहां के मशहूर कोचिंग संस्थानों में टॉपर्स एकेडमी , द हिंदू ज़ोन, ज्ञानज.कॉम, एम्स रैंकर, आकाश इंस्टीट्यूट, लक्ष्य पीएमटी, कैरियर प्वाइंट, एलन करियर इंस्टीट्यूट, एक्स्ट्रामार्क्स, कलाम इंस्टीट्यूट, दृष्टि संसथान, परिकशर, राजसथली विधि संस्थान, पैरामाउंट, बायजु, गायन सागर, और क्लियर विज़न आदि शामिल हैं।  

शिक्षा के अलावा जयपुर चिकित्सा के क्षेत्र में भी झंडे गाड़ चूका है, पिंक सिटी में कई अंतर्राष्टीय स्तर के हॉस्पिटल्स भी हैं, जिसमें मुख्य रूप से राजस्थान और जयपुर का सबसे बड़ा अस्पताल सवाई मानसिंह अस्पताल, नारायणा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, शेल्बी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, मणिपाल हॉस्पिटल, दिल से जुडी बिमारियों के लिए इटरनल हॉस्पिटल, रुक्मणि बिरला हॉस्पिटल, रूंगटा हॉस्पिटल, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल, अपैक्स हॉस्पिटल, संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल हॉस्पिटल, इंडस हॉस्पिटल, महात्मा गाँधी हॉस्पिटल, जनाना हॉस्पिटल, जे.के. लोन हॉस्पिटल, पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल और सैटेलाइट अस्पताल आदि शामिल हैं।

पिंक सिटी जयपुर में इन सभी सुविधाओं को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए जयपुर को 250 वार्ड में बांटा गया है, जो जयपुर नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर में बटे हुए हैं। इसी के साथ राजस्थान की राजनीती में जयपुर जिला अपनी 19 विधानसभा सीटों, तो जयपुर शहर अपनी 8 विधानसभा सीटों से योगदान देता है, जयपुर शहर के अंतर्गत आने वाली 8 सीटों में सिविल लाइंस, किशनपोल, सांगानेर, मालवीय नगर, विद्याधर नगर, आदर्श नगर, आमेर और हवामहल विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इसी के साथ जयपुर जिले में 2 संसदीय क्षेत्र की जयपुर शहरी और जयपुर ग्रामीण सीटें आती हैं। 

इस विशालकाय जयपुर को आपस में जोड़ने के लिए लगभग पन्द्रह-सौ किलोमीटर लम्बी सड़कें बनाई गई है। इसी के साथ जयपुर से राजस्थान और देश के कुछ महत्वपूर्ण राजमार्ग भी निकलते हैं। जयपुर के अलग-अलग हिस्सों में आसानी से यात्रा करने के लिए इसके लगभग सभी हिस्सों में जयपुर नगर निगम सरकारी बसें चलाती है, जो ऐसी और नॉन ऐसी दोनों तरह से चलाई जाती है। इसी के साथ यात्रा के लिए यहां सैकड़ों प्राइवेट बसें, मैजिक, ई-रिक्शा और साईकिल रिक्शा की भी व्यवस्था है। हाल ही के सालों में जयपुर को मेट्रो की भी सौगात मिली है जो वर्तमान में मानसरोवर से चांदपोल बाज़ार होते हुए बड़ी चौपड़ तक संचालित होती है, इसके अलावा जयपुर शहर के बाकि हिस्सों को भी मेट्रो से जोड़ने के लिए काम चल रहा है।  इसके अंतर्गत आने वाले सालों में सीतापुरा इंड्रस्टियल एरिया से सांगानेर, एयरपोर्ट, गोपालपुरा, अजमेरी गेट और चांदपोल होते हुए अम्बाबाड़ी तक मेट्रो चलायी जाएगी। जयपुर में यात्रा के लिए इन सभी के अलावा कई राइड कंपनियां जैसे उबर, ओला, रेपिडो, इन ड्राइवर आदि कार और बाइक्स का संचालन भी करती हैं। 

जयपुर देश और दुनिया के सभी हिस्सों से काफी अच्छे से कनेक्टेड हैं, यहां अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं के लिए जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जहां से हल ही में नियमित रूप से इंटरनेशनल फ्लाइट्स की शुरुवात भी की गई है। जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सांगानेर में स्थित है, जो जयपुर शहर के सेण्टर पॉइंट से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा जयपुर रेल मार्ग से भी काफी अच्छे से जुड़ा हुआ है, जयपुर शहर में कुल 7 रेलवे स्टेशन है, इसमें जयपुर जंक्शन, गांधीनगर, सांगानेर, खातीपुरा, दुर्गापुरा, कनकपुरा और ढेहर के बालाजी रेलवे स्टेशन शामिल है। इसी के साथ जयपुर की भारत के सभी हिस्सों से अच्छी रोड कनेक्टिविटी के चलते यहां कुल 6 बस स्टैंड है, जिसमें सिंधी कैंप मुख्य बस स्टैंड जबकि सांगानेर, दुर्गापुरा, नारायण सिंह सर्किल, हीरापुरा और चांदपोल सेटेलाइट बस स्टैंड हैं। इन सभी के अलावा सड़कों को अच्छी कनेक्टिविटी होने के चलते आप जयपुर आने के लिए पर्सनल वाहन और रेंटल कार सर्विसेज का भी उपयोग कर सकते हैं। 

आप सभी को जयपुर स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनायें, उम्मीद हैं जयपुर के बारे में ये जानकारी आपको पसंद आई होगी, अगर आपको ये वीडियो पसंद आया तो इसे अपने परिवार को दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ।

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