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सूर्य ग्रहण 2024: कहां और कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण? जानिए यहाँ!

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दिल्ली न्यूज़ डेस्क !!! गांधी जयंती के बाद आज यानी 2 अक्टूबर को अगर किसी बात की चर्चा हो रही है तो वह है सूर्य ग्रहण. आज साल का दूसरा सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण है. यह साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी है. ऐसे में बहुत से लोग सूर्य ग्रहण के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण? क्या ये भारत में दिखेगा या नहीं? कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण? क्या भारत में सूर्य ग्रहण के कारण सूतक काल माना जाएगा? क्या सूर्य ग्रहण के दौरान पितरों की पूजा की जा सकती है? ऐसे अनगिनत सवाल लोगों के मन में घर कर रहे हैं. तो आइए जानते हैं कि इन सवालों का जवाब क्या है? सूर्य ग्रहण का समय

भारतीय समय के मुताबिक सूर्य ग्रहण आज रात से शुरू होगा. सूर्य ग्रहण रात 9 बजे के बाद शुरू होगा और करीब 3:30 बजे तक रहेगा. सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को रात 09:12 बजे शुरू होगा और 3 अक्टूबर को दोपहर 03:17 बजे समाप्त होगा। रात 12 बजकर 15 मिनट पर सूर्य ग्रहण का मध्य काल माना जाएगा.

कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?

कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण और भारत में दिखेगा या नहीं? ये सवाल कई लोगों के मन में आ रहा है. आपको बता दें कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। हालाँकि, सूर्य ग्रहण को दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अंटार्कटिक, अटलांटिक, आर्कटिक, अर्जेंटीना, उरुग्वे, उत्तरी अमेरिका, फिजी, न्यू चिली, ब्राजील, मैक्सिको और पेरू जैसे देशों में देखा जा सकता है।

भारत में न दिखने की वजह?

भारत में क्यों नहीं दिखेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण? इसका जवाब खगोलीय घटनाओं में छिपा है. क्या आप जानते हैं सूर्य ग्रहण क्यों लगता है? खगोल विज्ञान के अनुसार जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है तो चंद्रमा के कारण सूर्य का आधा भाग छिप जाता है। इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं. जहां भारत में रात होती है, वहीं पृथ्वी के दूसरी ओर यानी अमेरिकी उपमहाद्वीप में दिन होता है। जाहिर है भारतीय समय के मुताबिक सूर्य ग्रहण रात में लगेगा इसलिए इसका असर भारत की बजाय दूसरी तरफ देखने को मिलेगा.

भारत में मान्य होगा सूतक?

अब सवाल यह है कि जब सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा तो क्या इसका सूतक काल माना जाएगा? उत्तर है नहीं. सूर्य ग्रहण का भारत पर बिल्कुल भी प्रभाव नहीं पड़ेगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. सूर्य ग्रहण के दौरान पितरों का श्राद्ध और पूजा-पाठ जैसे सभी काम किए जा सकते हैं। इस दौरान मंदिर को बंद करने की जरूरत नहीं है.

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