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इस खतरनाक कैंसर से जूझ रही थी लोक गायिका शारदा सिन्हा, जानिए क्यों जरूरी है कैंसर को लेकर सतर्कता

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National Cancer Awareness Day 2024: कैंसर एक जानेलवा बिमारी है जो शरीर की कोशिकाओं (Body Cells) से जुड़ी है। कैंसर का रोग विभिन्न प्रकारों का होता है जिसमे सबसे अधिक जानलेवा ब्लड कैंसर होता है। कैंसर के रोग से बचाव और सतर्कता के लिए सितंबर 2014 में, राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस की शुरुआत भारत के पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के द्वारा की गई थी। तब से लेकर आज तक कई जागरूकता अभियान चलाये गये और कई व्यक्तियों ने समय रहते ही अपना इलाज करवाया।


इस कैंसर से पीड़ित थीं शारदा सिन्हा 2018 में पद्म भूषण, 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 1991 में पद्म श्री से सम्मानित भारतीय लोक गायिका शारदा सिन्हा हम सब के बीच अब नहीं रही। 5 नवंबर को मंगलवार की रात करीब 9:20 बजे दिल्ली के AIIMS में बिहार कोकिला ने अपनी आंखरी सांस ली। काफी लम्बे समय से शारदा सिन्हा मल्टीपल मायलोमा नामक कैंसर से पीड़ित थी लेकिन दिक्कतों के बावजूद भी उन्होंने अपने संगीत को नही छोड़ा, उन्होंने कई यादगार गाने गाये हैं जो समय के अंत तक अमर रहेंगे।

क्या होता है मल्टीपल मायलोमा
यह एक प्रकार का कैंसर है जो प्लाज्मा में बनता है। प्लाज्मा शरीर में एंटीबॉडी को बनाने में कारगर होता है जिससे की शरीर में घुसने वाले बैक्टीरिया और वाइरस को खत्म किया जा सके। मानव शरीर में प्लाज्मा सेल्स का होना बहुत जरुरी होता है। मल्टीपल मायलोमा से बचने के लिए व्यक्ति को ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट करवाते रहना चाहिए।


National Cancer Awareness Day की महत्वता
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो समय देखकर नही आती है। आज के परिवेश में हर दुसरे या तीसरे आदमी को कैंसर का खतरा है और यदि समय पर निगरानी न दी जाए तो व्यक्ति अपनी जिंदगी भी खो सकता है। राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस यानी National Cancer Awareness Day को लेकर हर वर्ष स्कूलों में और संस्थानों में कैंप चलाये जाते है। कैंसर रोग के कारकों, प्रकारों और लक्षणों के लिए चिकित्सा सहायता पाने हेतु राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस की महत्वता अनिवार्य है।
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