Flood in Bhagalpur: बिहार के भागलपुर जिले में बाढ़ का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है। ये खतरा नेपाल से गंडक और कोसी बराज में छोड़े जा रहे पानी के कारण है। बीते दिनों यूपी और उत्तराखंड में हुई भारी बारिश से सोन नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही थी। सोन नदी में आई अचानक बाढ़ का असर अभी भी जिले के कई हिस्सों पर देखने को मिल रहा है। यहां अभी भी कई ऐसे इलाके हैं, जहां 60 से 65 प्रतिशत घर बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। कुछ स्थानों पर लोगों को थोड़ी राहत मिली है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि ये राहत भी कुछ ही दिन की मेहमान है। क्योंकि नेपाल से गंडक और कोसी बराज में भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। इसका प्रभाव भी बिहार के भागलपुर समेत कई जिलों पर पड़ेगा।
माना जा रहा है कि गंगा और कोसी नदी का डाउन स्ट्रीम भागलपुर में होने के कारण यहां अधिक पानी आने से जल प्रलय के आसार बढ़ते जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि नेपाल से पानी छोड़े जाने की स्थिति में इसका सीधा असर गंगा पर होता है, जिसका सबसे अधिक प्रभाव खगड़िया जिले में देखने को मिलता है। क्योंकि यहां गंगा और गंडक मिल जाती हैं। इसके बाद इसका पानी मुंगेर और सुल्तानपुर से होते हुए भागलपुर में प्रवेश करता है। इस दौरान इन तीनों जिलों के निचले क्षेत्रों में बाढ़ के आसार सबसे अधिक हैं।
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कोसी बराज के खुले फाटक
जानकारी के अनुसार, कोसी बराज के सभी फाटक खोल दिए गए हैं। यहां से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है, जिस कारण नवगछिया अनुमंडल के लोगों में दहशत का माहौल है। स्थिति ऐसे ही हैं कि यहां के लोगों रात भर जाग रहे हैं। प्रशासन भी हाई अलर्ट पर है। प्रभावित इलाके में रहने वाले लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है। कोसी बराज के सभी फाटक खुलने के कारण बिहपुर से कटरिया तक बाढ़ का खतरा बना हुआ है। कोसी नदी में पहले आई बाढ़ से अभी कई गांव उभर भी नहीं पाए थे कि एक बार फिर बाढ़ का खतरा बन रहा है।
इन इलाकों में तबाही की आशंका
कोसी बराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने पर कोसी नदी के किनारे बसे भवनपुरा, कोरचक्का, पुनामा प्रताप नगर, सकुचा, रतनपुरा, मदरौनी, चापर और सहोरा में भारी तबाही की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि कोसी नदी से बाढ़ का पानी खरनयी नदी से रास्ते नवगछिया बाजार में भारी तबाही मचा सकता है। इन इलाकों को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट पर है और पहले ही इस समस्या से निपटने की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि बाढ़ से 60 से 80 हजार लोग प्रभावित हो सकते हैं।
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लाठी से मापा जा रहा नदी का जलस्तर
कोसी नदी अभी शांत है, लेकिन कहा जा रहा है कि रात के समय इसका जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। स्थिति को देखते सकुचा के ग्रामीण रात भर जाग रहे हैं। नदी किनारे लाठियां गाड़ दी गई है। जिसे एक ग्रामीण द्वारा देखा जा रहा है। ताकी कोसी नदी के जलस्तर पर नजर रखी जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि पानी का जलस्तर बढ़ने पर वह सभी बांध पर चले जाएंगे। वहीं कुछ ग्रामीणों ने ये भी बताया कि बांध भी कमजोर है, पानी का दबाव झेल नहीं पाएगा। दूसरी तरफ बाढ़ के पानी से बचने के लिए सधुआ चापर गांव के लोग कटरिया रेलवे स्टेशन पर रह रहे हैं।
बिहार के इन जिलों में भी बाढ़ का खतरा
कोसी और बीरपुर बराज से पानी छोड़े जाने पर पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, सीतामढ़ी, पटना, जहानाबाद और मधुबनी में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। प्रशासन और आपदा प्रबंधन हाई अलर्ट पर है।