Jungle Safari: दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोगों को अब जंगल सफारी का लुत्फ उठाने के लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा। आने वाले कुछ दिनों में अब दिल्ली के पास ही जंगल सफारी का मजा उठाया जा सकेगा। इसके लिए कार्य योजना तैयार हो चुकी और उसे आगे बढ़ाया जा रहा है। दरअसल, अरावली पर्वत श्रृंखला में जंगल सफारी का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए डीपीआर तैयार हो चुकी है। पर्यटन विभाग ने एक एजेंसी को डीपीआर तैयार करने का काम सौंपा था, जिसमें बताया गया है कि इसके निर्माण पर करीब दो हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
बता दें कि गुरुग्राम और नूंह में करीब 10 हजार एकड़ में जंगल सफारी को तैयार किया जाएगा और इसे दुबई के तर्ज पर विकसित करने की योजना है। बीते सात नवंबर को डीपीआर को लेकर बैठक बुलाई गई थी, जिस बैठक की अध्यक्षता पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने की थी। इस बैठक में वन विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
बैठक में डीपीआर पर की गई चर्चा
बैठक में डीपीआर को लेकर चर्चा हुई। अब इस डीपीआर पर अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद वन विभाग अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा, जिस पर जंगल सफारी तैयार करने के संबंध में अगला कदम उठाया जाएगा। जानकारी के अनुसार, इस जंगल सफारी में एक तेंदुआ पार्क भी तैयार किया जाएगा, क्योंकि गुरुग्राम और सोहना की पहाड़ियों में तेंदुओं की संख्या काफी ज्यादा है। इसलिए, तेंदुआ पार्क बनाया जाएगा। हालांकि, अभी जंगल सफारी को तैयार करने में कई वर्ष लगेंगे।
सात चरणों में होगा तैयार
जानकारी के अनुसार, इस जंगल सफारी को सात चरणों में बनाया जाएगा। इसका पहला चरण दो साल में पूरा होगा। बता दें कि इस जंगल सफारी को तैयार करने में पर्यटन विभाग, वन विभाग, वन्य जीव विभाग, चिड़ियाघर प्राधिकरण सब कोई मिलकर काम करेंगे। इस जंगल सफारी में तेंदुआ पार्क के अलावा शाकाहारी वन्य जीव, विदेशी वन्य जीव, पक्षी उद्यान, प्राकृतिक ट्रेल, मनोरंजन स्थल और बांयो होम्स जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
कहां आ सकती है रुकावट?
बता दें कि जंगल सफारी को बनाने में फिलहाल तय बजट से अधिक पैसे भी खर्च हो सकते हैं, क्योंकि इसे तैयार करने में कई तरह की कठिनाइयां आएंगी। जैसे यहां ज्यादा से ज्यादा पानी को स्टोर करके रखना होगा। फिलहाल खुला जंगल है तो पानी की व्यवस्था हो जाती है, लेकिन जंगल सफारी बन जाने के बाद पानी की समुचित व्यवस्था करनी होगी, जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा पानी लगेगा। वहीं, इसके लिए बजट कहां से आएगा, इसका भी ध्यान रखना होगा।
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