IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड का मानना है कि न्यूजीलैंड से श्रृंखला में करारी हार से भारत का आत्मविश्वास डगमगा गया होगा, लेकिन उन्होंने अपनी टीम को आगाह करते हुए कहा कि भारतीय टीम अधिक आक्रामक होकर 22 नवंबर से शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जोरदार वापसी कर सकती है।
भारत को न्यूजीलैंड से तीनों मैच में हार का सामना करना पड़ा। यह पहला अवसर है जबकि घरेलू धरती पर तीन या इससे अधिक टेस्ट मैच की श्रृंखला में उसका सूपड़ा साफ हुआ।हेज़लवुड ने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से कहा कि 'हो सकता है कि सोया हुआ शेर जाग गया हो। श्रृंखला शुरू होने पर ही हमें पता चलेगा की चीजें कैसे आगे बढ़ रही हैं।'
भारत के लिए जीत जरूरी
घरेलू धरती पर हार न केवल भारत के टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे बुरे दौर में से एक है, बल्कि इससे रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम की अगले साल के विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के लिए क्वालीफाई करने की संभावनाओं को भी करारा झटका लगा है।लगातार तीन हार का मतलब है कि भारत ने डब्ल्यूटीसी तालिका में ऑस्ट्रेलिया से अपना शीर्ष स्थान गंवा दिया है।भारत को लगातार तीसरी बार डब्ल्यूटीसी फाइनल के लिए क्वालीफाई करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पांच में से चार मैच जीतने की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
न्यूजीलैंड की जीत से ऑस्ट्रेलिया को फायदा
हेज़लवुड ने कहा कि 'इस करारी हार से उनका आत्मविश्वास कुछ डगमगाया होगा। उसके कुछ खिलाड़ी यहां खेल चुके हैं लेकिन कुछ ऐसे बल्लेबाज हैं जिनको यहां खेलने का अनुभव नहीं है। इसलिए वह पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं होंगे कि उन्हें यहां किस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। यह परिणाम निश्चित रूप से हमारे लिए अच्छा होगा।न्यूजीलैंड की टीम को भी श्रेय मिलना चाहिए। उन्होंने पूरी श्रृंखला में शानदार क्रिकेट खेली। श्रृंखला तो छोड़ो भारत में एक मैच जीतना भी काफी मुश्किल होता है।’’
You may also like
सलमान को फिर धमकी, लॉरेंस का सहयोगी बता कर मांगी 5 करोड़ की रंगदारी
रातें होने लगी सर्द, अमरकंटक-पचमढ़ी सबसे ठंडे, कई शहरों का तापमान 20 डिग्री से कम
विराट कोहली की गोद में उलट-पुलट रहे वामिका और अकाय, अनुष्का शर्मा का बर्थडे पोस्ट, फैंस बोले- हमारा किंग!
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने देशबंधु चित्तरंजन दास की जयंती और स्वामी प्रभुपाद की पुण्यतिथि पर किया नमन
ठेकुआ नाम कैसे पड़ा? क्या आप जानते हैं छठ के 'महाप्रसाद' का इतिहास