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सुबह उठकर बस 10 मिनट कर लें ये 2 आसन, पुरानी कब्ज की हो जाएगी छुट्टी, 10 गुणा बढ़ा देंगे डाइजेशन पावर

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Best Yoga To Improve Digestion In Hindi: आजकल लोगों के साथ यह काफी देखने को मिलता है कि उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं बहुत परेशान करती हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण लोगों का खराब खानपान और जीवनशैली की आदतें हैं, जो उनके डाइजेशन को प्रभावित करती हैं। स्वस्थ पाचन के लिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि पर्याप्त मात्रा में फाइबर से भरपूर फूड जरूर खाने चाहिए, जैसे फल-सब्जियां और साबुत अनाज। इसके साथ-साथ दिन में 3-4 लीटर पानी पीना भी बहुत आवश्यक है। लेकिन ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज करते हैं, वे दिनभर मैदा से बनी चीजें, तला-भुना, नमकीन, मिठाईयां और सोडा-कोला जैसा अनहेल्दी चीजों का सेवन अधिक करते हैं, शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं रहते हैं और शराब-स्मोकिंग जैसे खराब आदतों को भी फॉलो करते हैं। ये आपके पाचन स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।

अगर आप अपने खानपान की आदतें और जीवनशैली में सुधार कर लें तो बिना किसी दवा या नुस्खे के आसानी से अपने डाइजेशन को मजबूत बना सकते हैं। इसके अलावा, नियमित योग करने से भी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखने में बहुत मदद मिल सकती है। आपको बता दें कि योग के कुछ आसन हैं जो पाचन संबंधी समस्याओं की छुट्टी करने में रामबाण साबित हो सकते हैं। हेल्थ इन्फ्लूएंसर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. दीक्षा भावसार ने ऐसे ही 2 चमत्कारी योगासन शेयर किए हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...


डाइजेशन मजबूत बनाते हैं ये योगासन - Yoga For Better Digestion In Hindi
1. मलासन (Malasana)


नियमित मलासन का अभ्यास पाचन स्वास्थ्य को काफी बेहतर बनाने की क्षमता रखता है। यह पेट के अंगों की मालिश करके पाचन में सुधार करता है। यह कब्ज और ब्लोटिंग से राहत देता है। यह योग मुद्रा पाचन अग्नि को बढ़ाने में योगदान देती है और बाउल मूवमेंट में सुधार करती है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में भी मदद करता है। इसका अभ्यास आपको स्वस्थ पाचन क्रिया पाने के साथ ही जीवन शक्ति में सुधार करने में मदद कर सकता है। रोजाना सुबह एक गिलास गर्म पानी पीते हुए 5-10 मिनट के लिए मलासन में बैठें।

2. वज्रासन (Vajrasana)

वज्रासन ब्लोटिंग, गैस्ट्रिक समस्याएं, एसिडिटी और पेट के भारीपन को रोकने में मदद करता है। यह पाचन अंगों को एक्टिव करता है। इस मुद्रा में पेट को हल्का सा दबाने से पेट, आंत और अग्न्याशय सहित अन्य पाचन अंग एक्टिव हो जाते हैं। यह भोजन को तोड़ने और पाचन में सुधार करने में मदद करता है।
जब आप वज्रासन में होते हैं, तो यह पैरों और जांघों में ब्लड फ्लो को कम करता है और पेट के क्षेत्र में इसे बढ़ाता है। इससे पाचन अंगों में रक्त का संचार बेहतर होता है, जिससे पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद मिलती है। यह पाचन तंत्र में फंसी हवा को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे गैस और ब्लोटिंग से राहत मिल सकती है।

वज्रासन कब्ज में मदद कर सकता है और मल त्याग में सुधार कर सकता है। यह एसिडिटी से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है।




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