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Chhath Puja In Periods: पीरियड में छठ पूजा कैसे करें, जानें इसका नियम

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Chhath Puja In Periods(पीरियड में छठ पूजा कैसे करें): छठ के व्रत की शुरुआत हो गई है। आज यानि 6 नवंबर 2024 को खरना किया जा रहा है। वहीं 7 और 8 नवंबर को सूर्य देवता को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक होता है। इस व्रत में महिलाएं पूरे 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखती हैं और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करती हैं। इस व्रत में साफ सफाई का भी विशेष ख्याल रखा जाता है। छठ की पूजा में जिन भी चीजों का प्रयोग होता है। उन सबको अच्छे से साफ करके ही इस्तेमाल किया जाता है। छठ का व्रत खासतौर पर महिलाओं के द्वारा किया जाता है। इस पूजा में नियमों का पूरा ध्यान रखना होता है। ऐसे में यदि किसी महिला को पीरियड हो जाए तो वो छठ व्रत कैसे करे इस बात को जान लेना भी जरूरी है। ऐसे में चलिए जानते हैं पीरियड के दौरान छठ का व्रत कैसे रखें।



Chhath Puja In Periods(पीरियड में छठ पूजा कैसे करें)
छठ का व्रत यदि एक बार शुरू कर दिया जाता है तो उस व्रत को बीच में नहीं छोड़ा जाता है। छठ पर्व में शारिरिक और मानसिक दोनों ही शु्द्धता बहुत ही मान्य रखती है। ऐसे में यदि किसी भी महिला को छठ व्रत के बीच में पीरियड आ जाए तो वो व्रत तो कर सकती हैं, लेकिन पूजा के सामान को छूने की मनाही होती है। पीरियड के दौरान आप निर्जला व्रत जरूर रख सकती है पर पूजा का प्रसाद बनवाने से लेकर अन्य सारे काम आप किसी और से करवा सकती हैं। वहीं अगर आपके पीरियड्स का पहला या दूसरा दिन ही हो तो आप सूर्य देवता को अर्घ्य भी ना दें। वो भी अपने परिवार या पड़ोस में किसी व्रती महिला से दिलवा सकती है। अगर आपके पीरियड का पांचवां दिन हो तो आप सर धोकर अच्छे नहाकर सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित कर सकती हैं।

पीरियड के समय छठ घाट पर जाएं या नहीं (Should one go to Chhath Ghat during period or not?)
पीरियड के समय में आप छठ घाट पर दर्शन के लिए तो जा सकती हैं, लेकिन किसी भी पूजा के सामान को हाथ नहीं लगा सकती हैं। वहीं आप पीरियड के समय में जल में जाकर सूर्य देवता को अर्घ्य भी नहीं दे सकती हैं। इस समय में आप दूर से छठ की पूजा देख सकती हैं और अपना व्रत जारी रख सकती हैं।

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