Bhai Dooj Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Katha, Aarti in Hindi, भाई दूज की पूजा विधि: भाई दूज सनातन धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों के मस्तक पर तिलक लगाकर उन्हें सूखा नारियल देती हैं। मान्यताओं अनुसार भाई दूज मनाने की परंपरा की शुरुआत यमराज की बहन यमुना ने की थी। अपनी बहन के प्रेम और सेवा भाव से प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना को ये आशीर्वाद दिया था कि जो बहन भाई दूज पर अपने भाई को टीका लगाकर उसे अपने हाथों से बना भोजन खिलाएगी। उसके भाई पर से अकाल मृत्यु का भय हमेशा के लिए हट जाएगा। चलिए आपको बताते हैं भाई दूज कैसे मनाते हैं, इसकी पूजा विधि क्या है।
- इस दिन बहन-भाई सुबह जल्दी उठकर नहाने के पानी में यमुना का जल डालकर स्नान करें।
- फिर बहनें ईश्वर से अपने भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करते हुए विधि विधान पूजा करें।
- भाई दूज पूजा की थाली सजाएं। जिसमें कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फूल, फल, मिठाई, गोला, अक्षत व सुपारी जरूर रखें।
- पहले इस थाली को घर के मंदिर में रखें और इसकी विधि विधान पूजा करें।
- फिर एक साफ चौकी अपने भाई को बिठाएं।
- इसके बाद भाई को सबसे पहले तिलक लगाएं।
- फिर उन पर थोड़े से अक्षत डालें। उनके सीधे हाथ में कलावा बांधे।
- भाई की आरती उतारें और इसके बाद मुंह मीठा कराएं।
- इस दिन बहनों का भाई को अपने हाथ से बना भोजन खिलाना बेहद शुभ माना जाता है।
‘गंगा पूजा यमुना को, यमी पूजे यमराज को। सुभद्रा पूजे कृष्ण को गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई आप बढ़ें फूले फलें।’ भाई दूज पर क्या करना चाहिए (Bhai Dooj Par Kya Karna Chahiye)
भाई दूज के दिन यम, यमुना, चित्रगुप्त और यमदूतों की पूजा करनी चाहिए। इस दिन बहनें अपने भाई को अपने हाथ से बना भोजन जरूर कराएं। अगर बहन शादीशुदा है तो भाई बहन के घर जाकर भाईदूज बनाएं क्योंकि ऐसा करना शुभ माना जाता है।
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