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मस्क की स्टारलिंक के फैन हुए डोनाल्ट ट्रम्प, क्या यह भारत में एंट्री का संकेत

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Trump's Praise For Musk's Starlink: अमेरिकी चुनाव 2024 जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप के अपने पहले भाषण में स्पेसएक्स के सीईओ और एक्स बॉस एलन मस्क की जमकर तारीफ की। ट्रंप ने मस्क को "अद्भुत व्यक्ति" और "सुपर जीनियस" बताया। इसके अलावा उन्होंने स्पेसएक्स स्टारलिंक की भी तारीफ की। बता दें कि स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस है, जो जल्द भारत में भी आ सकती है।

क्या भारत में एंट्री करेगा स्टारलिंक?
हाल ही में एलन मस्क ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी करने के बजाय उसे आवंटित करने के भारत के फैसले पर अपनी सहमति जताई है। मस्क ने इसे लेकर संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सैटेलाइट आवंटन की भी तारीफ की थी। मस्क ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट पर एक शब्द, "आशाजनक" के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें इस घोषणा पर चर्चा की गई थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मस्क की सैटेलाइट सर्विस स्टारलिंक की भारत में एंट्री हो सकती है।

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ट्रंप की तारीफ और स्टारलिंक सर्विस

78 वर्षीय रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप ने स्पेसएक्स स्टारलिंक की अपने भाषण में खूब तारीफ की। बता दें कि स्टारलिंक एक टेलीकॉम दिग्गज कंपनी है जो सैटेलाइट इंटरनेट की मदद से पृथ्वी के सबसे दूरदराज के कोनों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करती है। राष्ट्रपति-चुनाव ने बताया कि इस साल की शुरुआत में अमेरिका के कुछ हिस्सों में आए तूफान हेलेन के बाद स्टारलिंक कैसे जीवन रक्षक साबित हुआ।

सैटेलाइट से मिलेंगी कम्युनिकेशन सर्विस, TRAI कर रहा तैयारी
दूरसंचार विभाग ने ट्राई से सैटेलाइट आधारित कम्युनिकेशन सर्विस के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों के साथ समान अवसर उपलब्ध कराने पर विचार करने को कहा है, जिसके लिए एनजीएसओ (गैर-भूस्थिर कक्षा) आधारित स्थिर सैटेलाइट सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जो डेटा संचार और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेंगी, साथ ही मोबाइल सैटेलाइट सर्विस भी प्रदान करेंगी, जो आवाज, टेक्स्ट, डेटा और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेंगी।

मस्क की स्टारलिंक के जरिए भारत में आने की तैयारी
स्टारलिंक, भारत में कदम रखने की योजना बना रही है। और वह ग्लोबल परिपाटी के अनुरूप उपग्रह-आधारित संचार के लिए लाइसेंसों का प्रशासनिक आवंटन किए जाने की मांग कर रही है। दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस रुख से सहमति जताते हुए कहा कि दूरसंचार तरंगों को नीलामी के बजाय प्रशासनिक आवंटन के जरिये दिया जाएगा। गौरतलब है कि अंबानी की दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो पुराने टेलीकॉम कंपनियों को समान अवसर देने के लिए नीलामी के जरिये ऐसे स्पेक्ट्रम आवंटित करने की जरूरत पर बल दे चुकी है।
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