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रिटायर होने वाले हैं CJI चंद्रचूड़, 10 नवंबर से पहले सुनाकर जाएंगे ये 5 बड़े फैसले, बदल जाएगी राजनीति और निजी जिंदगी

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CJI DY Chandrachud Retirement: देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। उनके बाद जस्टिस संजीव खन्ना सीजेआई का पद संभालेंगे। ऐसे में वर्तमान चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ के पास सुप्रीम कोर्ट के महज 5 कार्य दिवस शेष बचे हैं। इन पांच दिनों में वह कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर फैसला सुनाएंगे। इनमें अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने से जुड़ा विवाद और मदरसा कानून की वैधता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।

देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को रिटायर होने से पहले पांच ऐसे मामलों में फैसला सुनाएंगे, जिनका व्यापक असर होने वाला है। आइए जानते हैं वो कौन से मामले हैं, जिन पर जल्द आने वाला है फैसला...

मदरसा कानून की वैधता का मामला
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ मदरसा कानून की वैधता से जुड़े मसले पर अपना फैसला सुनाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली 3 जजों की पीठ ने उत्तर प्रदेश मदरसा अधिनियम की वैधता से जुड़े मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रखा था। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती दी गई है, जिसके तहत अदालत ने यूपी मदरसा कानून को असंवैधानिक घोषित करते हुए बच्चों को सरकारी स्कूलों में समायोजित करने का आदेश दिया गया था।


संपत्ति के विवरण का मामला

सीजेआई की अगुवाई वाली 9 जजों की संविधान पीठ ने संपत्ति के विवरण मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट निजी संपत्ति अधिग्रहिण कर उनका पुनर्वितरण करने के अधिकार पर अपना फैसला सुनाएगी।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से जुड़ा मामला
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इस कानूनी सवाल पर अपना फैसला सुनाएंगे कि एएमयू को संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है या नहीं। 7 जजों की संविधान पीठ ने 1 फरवरी, 2024 को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

भर्ती प्रक्रिया में बदलाव का मामला
क्या भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों और शर्तों में बदलाव हो सकता है? सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों वाली संविधान पीट इस कानूनी सवाल पर अपना फैसला सुनाएगी। इस मामले में 23 जुलाई को अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

एलएमवी लाइसेंस धारक मामला
लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) लाइसेंस धारक चालक को 7,500 किलोग्राम तक के वजन वाले परिवहन वाहन चलाने का अधिकार है या नहीं? इस मुद्दे पर भी संविधान पीठ अपना फैसला सुनाएगी।

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