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Aaj Ka Panchang 30 September 2024: पंचांग से जानिए प्रदोष व्रत के पारण का समय, कब से कब तक रहेगा राहुकाल

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Aaj Ka Panchang 30 September 2024 (आज का पंचांग 30 सितंबर 2024): आज के दिन त्रयोदशी शाम के 7 बजे तक रहेगा। उसके बाद चतुर्दशी व्रत रहेगा। आज के दिन पितृ पक्ष की त्रयोदशी श्राद्ध किया जाएगा। सोमवार के दिन सूर्योदय सुबह 06:13 पर होगा। वहीं सूर्यास्त शाम के 6 बजकर 10 मिनट तक होगा। आज के दिन अभिजीत मुहूर्त 11:54 से 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। राहुकाल प्रातःकाल 07:30 बजे से 09 बजे तक रहेगा। आइए जानिए आज पूरा पंचांग।

Shani Nakshatra Gochar 2024

Aaj Ka Panchang 30 September 2024 (आज का पंचांग 30 सितंबर 2024)
संवत-पिङ्गला विक्रम संवत 2081


माह-आश्विन ,कृष्ण पक्ष


तिथि- त्रयोदशी 07:07 pm तक फिर चतुर्दशी, व्रत- पितृ पक्ष श्राद्ध त्रयोदशी ,त्रयोदशी व्रत,मासिक शिवरात्रि व्रत

दिवस-सोमवार

सूर्योदय-06:13am

सूर्यास्त-06:09pm

नक्षत्र-मघा 06:21am तक फिर पूर्वाफाल्गुनी

चन्द्र राशि -सिंह,- स्वामी ग्रह-सूर्य

सूर्य राशि- कन्या राशि,स्वामी ग्रह -बुध

करण= वणिज 07:08pm तक फिर विष्टि

योग: - शुभ


शुभ मुहूर्त1अभिजीत-11:54 am से 12:37 pm तक

2विजय मुहूर्त-02:23pm से 03:23 pm तक

3गोधुली मुहूर्त--06:20pm से 07:25 pm तक

4 ब्रम्ह मुहूर्त-4:06m से 05:05am तक

5अमृत काल-06:08am से 07;42am तक

6निशीथ काल मुहूर्त-रात्रि 11:45 से 12:21तक रात


संध्या पूजन-06:26 pm से 07:05pm तक

दिशा शूल -पूर्व दिशा । इस दिशा में यात्रा से बचें। दिशाशूल के दिन उस दिशा की यात्रा करने से बचते हैं,यदि आवश्यक है तो एक दिन पहले प्रस्थान निकालकर फिर उसको लेकर यात्रा करें।

अशुभ मुहूर्त
राहुकाल-प्रातःकाल 07:30 बजे से 09 बजे तक


क्या करें-आश्विन माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। पितृ पक्ष चल रहा है। आज तेरस श्राद्ध दिवस है। अपने पितरों का श्राद्ध अवश्य करें। आज मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत रख सकते हैं। भगवान शिव जी की उपासना करें। शंकर जी कल्याणकारी ,पालनकर्ता, संकटहर्ता हैं। उनकी भक्ति मुक्तिदायनी हैं। वह संकटों का नाश करते हैं। भोले नाथ जी की उपासना से सभी ग्रह प्रसन्न रहते हैं। आज रुद्राभिषेक करें। गंगा जल से शिव लिंग का रुद्राभिषेक करने से पापों से मुक्ति मिलती है। सायंकाल प्रदोष काल मतलब सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व से 45 मिनट बाद तक शिव मंदिर पहुचकर उनकी उपासना करें। व्रत रहें। पार्थिव पूजन का बहुत महत्व है। रुद्राष्टकमका पाठ करें। भगवान के नाम का संकीर्तन करें। पितृ पक्ष में नियमित पितरों का श्राद्ध करें । गाय को रोटी,गुड़ व भोजन दें।कौवे को नित्य भोजन दें। श्राद्ध पक्ष में नियमित तर्पण करें व तिथि के दिन श्राद्ध अवश्य करें। पिता ,माता ,गुरु व बड़े भाई का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें। मासिक शिवरात्रि के दिन घर पर ही पार्थिव का शिवलिंग बनाकर भगवान का गंगा जल से रुद्राभिषेक करने से अखंड पुण्य की प्राप्ति होती है।


क्या न करें-पितरों का श्राद्ध करना मत भूलें।विहंग,काग,चींटी को भोजन देना विस्मृत न हो।
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