Kartik Purnima Puja Vidhi (कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि): कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने मत्सयावतार लिया था। ऐसे में जो भी व्यक्ति इस दिन गंगा स्नान करने के बाद दान पुण्य के कार्य करता है उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। इसलिए इस पूर्णिमा पर कई लोग घर में सत्यनारायण कथा कराते हैं। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को मनाई जाएगी। जानिए इसकी पौराणिक कथा।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर व्रत का संकल्प लें और फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा कर पाना संभव नहीं है तो आप घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर उससे स्नान जरूर करें।
- चंद्रोदय होने पर शिव, संभूति, संतति, प्रीति, अनसूया और क्षमता इन 6 कृतिकाओं की विधि विधान पूजा करें।
- इस दिन बैल, गाय, हाथी, घोड़ा, रथ या घी का दान करना बेहद शुभ माना जाता है।
- इस दिन रात्रि जागरण का भी विशेष महत्व होता है।
- कार्तिक पूर्णिमा पर जरूरतमंद लोगों को भोजन अवश्य कराना चाहिए। साथ ही इस दिन हवन भी करना चाहिए।
- इस दिन यमुना जी पर कार्तिक स्नान का समापन करके राधा-कृष्ण का पूजन और दीपदान करने की भी परंपरा है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन क्या करें (Kartik Purnima Par Kya Kare)
इस दिन सत्यनारायण कथा का पाठ करवाने की सलाह दी जाती है। कहते हैं इससे घर में सुख-समृद्धि आरती है। इसके अलावा इस दिन दीपदान करना भी शुभ माना जाता है। इससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।