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अहिल्याबाई होलकर ने शिवाजी के समान हिन्दुओं के स्वत्त्व के भाव को जगाने में अहम भूमिका निभाई : डॉ कृष्ण गोपाल

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नई दिल्ली, 14 नवंबर . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने गुरुवार को नई दिल्ली में पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अहिल्याबाई होलकर ने छत्रपति शिवाजी महाराज के समान हिन्दुओं के स्वत्त्व के भाव को जगाने में अहम भूमिका निभाई. उन्होंने अपने निजी कोष से सोमनाथ और काशी विश्वनाथ सहित 200 से अधिक स्थानों पर मंदिरों का जीर्णोद्धार और निर्माण करवाया.

संघ के सह-सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने कहा कि 11वीं शताब्दी के बाद पूरे देश में भयंकर आतंक का काल शुरू हुआ. ऐसे में कोई स्थान ऐसा नहीं बचा जहां मंदिर, गुरुकुल, अध्ययन केंद्र और महिलाएं सुरक्षित हों. इस कठिन काल को समाप्त करने के लिए जीजाबाई ने अपने पुत्र शिवाजी को तैयार किया. उस समय हिन्दू समाज को तीर्थ यात्रा तक के लिए जजिया टैक्स देना पड़ता था. शिवाजी ने एक छोटा साम्राज्य स्थापित किया और 1674 में हिन्दू पद पादशाही की विधिवत स्थापना की. शिवाजी ने हिन्दुत्व के लिए जो अलख जगाई उनकी मुत्यु के 26 साल बाद तक औरंगजेब उस साम्राज्य के लिए लड़ता रहा और महाराष्ट्र के औरंगाबाद में उसकी मुत्यु हो गई.

उन्होंने कहा कि इंदौर का होलकर हिंदवी स्वराज का एक हिस्सा था. शिवाजी महाराज और जीजाबाई के मन में जो उद्देश्य और संकल्प था, वहीं अहिल्याबाई होलकर के मन में था. शिवाजी की तरह अहिल्याबाई का भी उद्देश्य नष्ट हो चुके राष्ट्र के सम्मान एवं गौरव को स्थापित करना था. 700 सालों में नष्ट हुए हिन्दुओं के स्वत्त्व के भाव को जगाने के लिए अहिल्याबाई ने अपने निजी कोष से धार्मिक स्थलों के जीर्णोद्धार का काम कराया. उन्होंने राज्य नहीं बल्कि राष्ट्र की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए देशभर में 200 से अधिक स्थानों पर मंदिर, घाट तथा धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार और निर्माण कराया. उन्होंने अपने परिवारिक दुख को कभी राज व्यवस्था में बाधक नहीं बनने दिया.

अखिल भारतीय पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह समिति के कार्याध्यक्ष उदय सिंह राजे ने कहा कि कार्यक्रमों का उद्देश्य अहिल्या बाई होलकर के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना है.

दिल्ली कारागार की पूर्व महानिदेशक विमला मेहरा ने लोकमाता के तीन दशक के प्रशासन काल की सराहना की. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग बार-बार नहीं होते. उन्होंने कहा कि हमें अहिल्या माता से सीखना है और उनके दिखाए मार्ग पर अपने देश एवं समाज को आगे बढ़ाना है.

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/ सुशील कुमार

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