सीहोर/हरदा, 16 नवंबर . मध्य प्रदेश में हुए हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ितों को 9 माह बाद भी न्याय नहीं मिला. उचित मुआवजा और पुनर्वास की मांग को लेकर हरदा से भोपाल तक उन्होंने पदयात्रा शुरू की है, लेकिन शनिवार काे प्रशासन ने सीहोर जिले की सीमा पर रोक लिया. कलेक्टर-एसपी उनकी हर मांग पूरी करने का आश्वसन दिया, लेकिन पीड़ित भोपाल जाने की बात पर अड़े हैं. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि, अब तक उनको सरकारी मदद भी नहीं मिली है.
पदयात्रा के संयोजक हेमंत चौहान ने बताया कि हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट मामले में सरकार पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा नहीं दे रही है और न ही इनके पुनर्वास की व्यवस्था की गई. इसलिए हमने भोपाल में सीएम डॉ. मोहन यादव से मिलने का निर्णय किया है. हमारी यात्रा में 100 से अधिक पुरुष-महिला शामिल हैं. इसे न्याय यात्रा नाम दिया गया है. यह न्याय यात्रा हरदा के नेमावर से 14 नवंबर को निकली थी. जिसे 16 नवंबर को सीहोर पुलिस ने रोक दिया. कलेक्टर और एसपी ने पीड़ितों का न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. उनका कहना है कि फैक्ट्री मालिक को बीमारी के कारण जमानत मिल गई. अब वो हमें धमकी दे रहा है. इसके बाद कलेक्टर आदित्य सिंह और एसपी अभिनव चौकसे ने मांगें पूरी करने की बात लिखित में भी देने को कहा.
पीड़ितों को उचित मुआवजा व पुनर्वास की मांग को लेकर यात्रा संयोजक हेमंत चौहान के नेतृत्व में 14 नवंबर को पीड़ित मुख्यमंत्री निवास भोपाल के लिए निकले थे. न्याय पदयात्रा नेमावर, संदलपुर होते हुए थाना नेमावर क्षेत्र के ग्राम पंचायत भवन दीपगांव में शुक्रवार रात रुकी. शनिवार सुबह यात्रा जिला सीहोर के थाना गोपालपुर नर्मदा स्कूल के पास पहुंची. यात्रा में 33 महिला पुरुष व बच्चे शामिल हैं. यहां यात्रा को प्रशासन पुलिस ने रोक लिया. हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह, एसपी अभिनव चौकसे सहित जिले के अधिकारी पदयात्रा कर रहे परिवारों को समझाइश देने व यात्रा खत्म करने पहुंचे. उन्होंने पीड़ितों को दो-दो लाख रुपए की सहायता लिखित में देने की बात कही.
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/ नेहा पांडे
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