नई दिल्ली, 06 नवंबर . सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर सुस्त पड़कर 6.5 फीसदी रहेगी. हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आरबीआई ने दूसरी तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
स्टेट बैंक के शोध विभाग ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा, घरेलू अर्थव्यवस्था पर कुछ दबाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है. रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी में लगभग 6.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज होगी, जो तीसरी और चौथी तिमाही के आंकड़ों के साथ मिलकर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की समग्र जीडीपी वृद्धि को 7 फीसदी के करीब पहुंचा सकती है. एसबीआई में समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि कई उच्च आवृत्ति संकेतक संकेत देते हैं कि कुल मांग में वृद्धि जारी है.
देश की आर्थिक वृद्धि दर और इसके धीमे होने की आशंका को लेकर चिंताओं के बीच विश्लेषकों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-25 में आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी के करीब पहुंच जाएगी. भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष 2023-24 में यह अनुमान से अधिक 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी है. इसको देखते हुए अधिकांश विशेषज्ञों को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में भी अर्थव्यवस्था में मजबूती जारी रहेगी. रिजर्व बैंक के अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहेगी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी 6.7 फीसदी रही थी.
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/ प्रजेश शंकर
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