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महर्षि चरक की शपथ लेकर 150 मेडिकल छात्रों ने पहनी वाइट कोट, डॉ. कीर्ति जैन ने बढ़ाया हौसला

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उदयपुर: जीबीएच ग्रुप के चेयरमैन डॉ. कीर्ति के. जैन ने कहा कि डॉक्टर बनने का सफर मुश्किलों भरा है, लेकिन जो स्टूडेंट महर्षि चरक की शपथ का पालन करेंगे और उसे अपने जीवन में अपनाएंगे, उन्हें श्रेष्ठ डॉक्टर बनने से कोई नहीं रोक सकता. ये विचार उन्होंने अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के नवागंतुक एमबीबीएस छात्रों की वाइट कोट सेरेमनी के दौरान मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए.

डॉ. कीर्ति जैन ने स्टूडेंट्स को प्रेरित करते हुए कहा कि डॉक्टर बनने का मतलब सिर्फ डिग्री पाना नहीं, बल्कि मरीज को खुशहाल जीवन देना भी है. उन्होंने कहा, “वाइट कोट पहनने का मतलब है कि आपने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार किया है. यह एक ऐसा सफर है, जिसमें चुनौतियों से निपटते हुए इंसानियत की सेवा का संकल्प लिया जाता है.”

ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बढ़ाया हौसला
ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने कहा, “नीट में चयनित होकर आप सभी ने डॉक्टर बनने का पहला कदम रख लिया है. अब इस लक्ष्य की ओर बढ़ने का सही समय है. वाइट कोट पहनने के साथ ही आपका नाम के आगे डॉक्टर जुड़ चुका है, जो भविष्य में आपकी पहचान बनेगा. इस पेशे को मरीजों की भलाई के लिए जीने वाले ही असली पहचान बनाते हैं.”

डीन डॉ. विनय जोशी ने समझाया डॉक्टर का महत्व
डीन डॉ. विनय जोशी ने बताया कि वाइट कोट सेरेमनी के साथ ही आप सभी की पहचान डॉक्टर के रूप में हो गई है. साढ़े चार साल बाद, जब आप इंस्टीट्यूट से डिग्री लेकर निकलेंगे, तो समाज के हित में आपकी मेहनत और सेवा महत्वपूर्ण होगी.

इस अवसर पर डायरेक्टर डॉ. प्रिया जैन, डॉ. सुरभि पोरवाल और अन्य प्रोफेसर्स ने सभी छात्रों का तिलक, गुलाब और वाइट कोट देकर स्वागत किया. कार्यक्रम के अंत में डॉ. कीर्ति के जैन ने छात्रों और उनके परिजनों से अगले साढ़े चार साल की पढ़ाई और इसकी चुनौतियों पर चर्चा की.

यह वाइट कोट सेरेमनी छात्रों के लिए एक नई शुरुआत थी, जो उन्हें एक जिम्मेदार डॉक्टर बनने के लिए प्रेरित कर गई. महर्षि चरक की शपथ के साथ इन नवोदित डॉक्टरों ने मानवता की सेवा के अपने संकल्प को और भी मजबूती से थाम लिया.

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