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वैश्विक अनिश्चितता और घरेलू मोर्चे की कमजोरी से टूटा शेयर बाजार, छोटे निवेशकों को बाजार से दूर रहने की सलाह

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नई दिल्ली, 04 नवंबर . घरेलू शेयर बाजार आज एक बार फिर बड़ी गिरावट का शिकार हो गया. दिन के कारोबार में सेंसेक्स ने 1,490 अंक से अधिक का गोता लगाया. इसी तरह निफ्टी भी 485 अंक से अधिक अंक तक लुढ़क गया. सेंसेक्स 79 हजार अंक के स्तर से नीचे फिसल गया तो निफ्टी भी 24 हजार अंक के नीचे आ गया. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी आज इंट्रा-डे में करीब 1.50 प्रतिशत तक टूट गए. हालांकि, बाद में निफ्टी और सेंसेक्स दोनों सूचकांकों की स्थिति में काफी सुधार भी हुआ. माना जा रहा है कि आज की गिरावट के लिए वैश्विक हालात प्रमुख रूप से जिम्मेदार रहे. इसके साथ ही घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों ने भी बाजार की चाल पर प्रतिकूल असर डाला.

धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी के अनुसार दुनिया भर के ज्यादातर स्टॉक मार्केट्स में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सतर्क मुद्रा में कारोबार हो रहा है. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. माना जा रहा है कि अगर कमला हैरिस चुनाव जीतती हैं, तो अमेरिका में उदार आर्थिक नीतियों को बढ़ावा मिल सकता है. डोनाल्ड ट्रंप की जीत होने पर ब्याज दरों को लेकर कड़ाई का रुख जारी रह सकता है. ट्रंप और कमला हैरिस की परस्पर विपरीत आर्थिक नीति की वजह से दोनों में से किसी की भी जीत वैश्विक अर्थव्यवस्था पर अपना असर डालेगी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी. यही कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के पहले दुनिया भर के स्टॉक मार्केट काफी संभलकर कारोबार कर रहे हैं और निवेशक बिकवाली करके अपना पैसा सुरक्षित करने की कोशिश में लगे हुए हैं.

अमेरिका में 5 अक्टूबर को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव के दो दिन बाद ही 7 नवंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों को लेकर फैसला लेने वाला है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने पहले से ही ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत कटौती करने का संकेत दिया हुआ है, लेकिन अमेरिकी चुनाव के परिणाम से अमेरिकी फेडरल रिजर्व का फैसला प्रभावित भी हो सकता है. यही कारण है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों की कटौती के संबंध में उठाए जाने वाले अगले कदम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिसने निवेशकों को अपना पैसा सुरक्षित करने के लिए मजबूर कर दिया है.

इसी तरह एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड जसवंत दमानी का कहना है कि तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस ने रविवार को ही क्रूड ऑयल के उत्पादन में बढ़ोतरी करने के अपने फैसले को एक महीने तक के लिए टालने का फैसला करके किया है, जिसकी वजह से आज क्रूड की कीमत में लगभग 2 प्रतिशत तक की तेजी आ गई है. क्रूड ऑयल की कीमत में आई तेजी के कारण भी दुनिया भर के स्टॉक मार्केट पर दबाव बढ़ गया है, जिसका असर आज घरेलू शेयर बाजार में भी नजर आया. इसके साथ ही चीन में जारी आर्थिक संकट को टालने के लिए दिए गए आर्थिक पैकेज के कारण भी स्टॉक मार्केट में ही अपना निवेश रखने के इच्छुक निवेशक इंडियन मार्केट समेत दुनिया के अन्य स्टॉक मार्केट्स में बिकवाली करके अपना पैसा चीन के स्टॉक मार्केट में लगा रहे हैं. स्टॉक मार्केट में आज आई गिरावट की ये भी एक बड़ी वजह रही है.

घरेलू शेयर बाजार में आई गिरावट के संबंध में अग्रवाल कैपिटल सर्विस के मैनेजिंग डायरेक्टर मदन मोहन अग्रवाल का कहना है कि विदेशी निवेशकों की ओर से तो घरेलू शेयर बाजार में जमकर बिकवाली की ही जा रही है, घरेलू निवेशको ने भी आज बाजार में जम कर मुनाफा वसूली की. आमतौर पर विदेशी निवेशकों की बिकवाली के समय घरेलू निवेशक खरीदारी करने की रणनीति अपनाते हैं. इसके कारण बाजार का बैलेंस बना रहता है, लेकिन आज दिन के पहले सत्र के कारोबार में विदेशी निवेशकों के साथ ही घरेलू निवेशक भी लगातार बिकवाली करते रहे, जिसकी वजह से बाजार पर दबाव लगातार बढ़ता चला गया. हालांकि दोपहर 11 बजे के बाद घरेलू निवेशकों ने खरीदारी शुरू की, जिससे बाजार निचले स्तर से काफी हद तक रिकवरी करने में सफल रहा.

मदन मोहन अग्रवाल का ये भी कहना है की वैश्विक वजहों के साथ ही एक बड़ी वजह भारतीय कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे भी रहे हैं. कंपनियां के अर्निंग ग्रोथ में गिरावट आने की वजह से शेयर बाजार में निगेटिव सेंटीमेंट बना हुआ है. इसके साथ ही विदेशी निवेशकों द्वारा की जा रही बिक्री के अभी रुकने के कोई आसर भी नजर नहीं आ रहे हैं. इसकी वजह से बाजार का सेंटीमेंट लगातार बिगड़ता जा रहा है और शेयर बाजार में लगातार गिरावट आ रही है.

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि घरेलू शेयर बाजार में लगातार दबाव बना हुआ है. ऐसे समय में निवेशकों को काफी सतर्क होकर अपनी निवेश योजना बनानी चाहिए. इसके साथ ही छोटे और खुदरा निवेशकों को अभी पूरी तरह से शेयर बाजार से दूर रहने की नीति अपनानी चाहिए, क्योंकि बाजार में जारी उतार चढ़ाव अभी किसी भी ट्रेंड को फॉलो नहीं कर रहा है. इसलिए मामूली बात पर भी शेयर बाजार में कभी भी बड़ी गिरावट आ सकती है या मामूली बात से ही शेयर बाजार को मजबूत ट्रिगर मिल सकता है. इसलिए अनिश्चित वाले माहौल में छोटे और खुदरा निवेशकों के लिए शेयर बाजार से दूर रहना ही सबसे बेहतर है.

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/ योगिता पाठक

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