जम्मू, 3 नवंबर . प्रधानमंत्री द्वारा सीमा पर जवानों के साथ दिवाली मनाना बहुत महत्वपूर्ण है. साल भर देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले इन जवानों के लिए प्रधानमंत्री का उनके साथ जुड़ना एक दुर्लभ और खुशी का पल होता है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर एससी, एसटी, बीसी विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष बलबीर राम रतन ने प्रधानमंत्री द्वारा इस साल गुजरात के कच्छ में सीमा पर दिवाली मनाने पर टिप्पणी करते हुए यह बात कही.
बलबीर राम रतन ने कहा कि दिवाली एक ऐसा त्योहार है जब देश भर के परिवार एक साथ आते हैं दीये जलाते हैं, पटाखे फोड़ते हैं, मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं और अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं. कई लोगों के लिए यह पुनर्मिलन का समय होता है, प्रियजनों के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने का और त्योहार की खुशी और गर्मजोशी को साझा करने का. हालांकि देश की सीमाओं पर तैनात बहादुर सैनिकों के लिए यह पुनर्मिलन अक्सर एक दूर की वास्तविकता होती है क्योंकि वे घरों से दूर, सीमाओं की रक्षा करते हुए तैनात रहते हैं. वह दशकों से सीमा पर ही दीवाली मनाते हैं.
बलबीर राम रतन ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिवाली मनाने के लिए सीमा पर उनकी चौकियों पर पहुंचना इन नायकों के प्रति एकजुटता, सम्मान और कृतज्ञता का एक मजबूत संदेश देता है. यह इशारा न केवल एक प्रोत्साहन है बल्कि यह भी याद दिलाता है कि पूरा देश अपने बहादुर सैनिकों के पीछे मजबूती से खड़ा है. उन्होंने आगे कहा कि देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी सीमाओं पर जवानों के साथ दिवाली मनाने की इस परंपरा का पालन करते हैं जो बहुत सराहनीय है.
/ राहुल शर्मा
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