कोलकाता, 08 अक्टूबर . डिफेंस पीएसयू गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने मंगलवार को भारतीय नौसेना को सर्वे पोत आईएनएस निर्देशक सौंपा. यह जानकारी एक अधिकारी ने दी. आईएनएस निर्देशक चार सर्वे पोतों की श्रृंखला में दूसरा पोत है, जिसे जीआरएसई द्वारा निर्मित किया जा रहा है. पहला पोत 10 महीने पहले दिसंबर 2023 में नौसेना को सौंपा गया था.
जीआरएसई अधिकारी ने बताया कि ये सर्वे पोत भारतीय नौसेना के लिए देश में निर्मित सबसे बड़े सर्वे पोत हैं. 110 मीटर लंबे आईएनएस निर्देशक को पहले सौंपे गए आईएनएस संधायक के साथ भारतीय नौसेना की नवीनतम सर्वे डेटा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए शामिल किया जाएगा, जो ऑपरेशनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
संधायक-श्रेणी के सर्वे पोत समुद्री सीमाओं का सर्वेक्षण कर सकते हैं और रक्षा अनुप्रयोगों के लिए महासागरीय और भूगर्भीय डेटा एकत्र कर सकते हैं, जो भारत की समुद्री क्षमताओं को मजबूत करता है. अधिकारी ने बताया कि ये पोत एक हेलीकॉप्टर ले जाने की क्षमता रखते हैं और कम-तीव्रता वाले युद्ध में भाग लेने के साथ-साथ अस्पताल जहाज के रूप में भी कार्य कर सकते हैं.
जीआरएसई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, कमोडोर पीआर हरि (सेवानिवृत्त) ने कहा, हमें गर्व है कि हमने इस जहाज को श्रृंखला के पहले जहाज के 10 महीने बाद सौंप दिया है.
उन्होंने बताया कि इन युद्धपोतों में स्वदेशी सामग्री का उच्च प्रतिशत है और ये सरकार की आत्मनिर्भरता की नीति के अनुरूप हैं. हरि ने यह भी कहा कि वर्तमान में जीआरएसई भारतीय नौसेना के लिए 17 और युद्धपोतों का निर्माण कर रहा है, जिनमें तीन पी-17ए उन्नत फ्रिगेट, आठ पनडुब्बी रोधी युद्ध उथले जल पोत और चार अगली पीढ़ी के तट रक्षक पोत शामिल हैं.
/ ओम पराशर
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