Top News
Next Story
NewsPoint

मातर में युवाओं का दिखा रोमांचक करतब, लोग हुए रोमांचित

Send Push

धमतरी, 3 नवंबर . ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार तीन नवंबर को मातर कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर अखाड़चियों ने आकर्षक करतब दिखाए. ग्रामीण देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर परिवार की सुख समृ़द्धि की कामना की गई. गांव में अखाड़चियों ने हैरतअंगेज करतब दिखाए.

भाईदूज के दिन अधिकांश गांवों में मातर कार्यक्रम होता है. इसका रोमांच देखते ही बनता है. ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों व रोमांचक खेलों को देखने शहरवासी गांवों का रूख करते हैं. शहर से लगे ग्राम भटगांव, खपरी, रांवा, कुर्रा सहित अन्य गांवों में मातर कार्यक्रम उल्लास के साथ मना. ग्राम भटगांव के रावण चौक में मातर कार्यक्रम मनाया गया. बच्चों, युवाओं व महिलाओं के लिए अलग-अलग कार्यक्रम रखा गया था. कुर्सी दौड़, मटका फोड़, दौड़ के अलावा रंगोली स्पर्धा का कार्यक्रम हुआ. अखाड़ा के कलाकारों ने अपने हुनर का प्रदर्शन करते हुए एक से एक स्टंट प्रस्तुत किए. कार्यक्रम का आनंद ले रहे लोगों ने कलाकारों का ताली बजाकर उत्साह वर्धन किया. सभी कार्यक्रम में ग्रामीणों की सहभागिता देखते ही बनी. इसी तरह अन्य गांवों में भी मातर कार्यक्रम की धूम रही. उस्ताद तुलेश्वर साहू भटगांव ने कहा कि सालों से परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. उपसरपंच दुर्गेश कुमार देवांगन ने बताया कि मातर उत्सव सामाजिक सौहार्द का माध्यम है. इस कार्यक्रम के बहाने रिश्तेदार मुलाकात के लिए गांव में पहुंचते हैं. सालों से यह कार्यक्रम गांव में होते आ रहा है. कार्यक्रम का आयोजन रावण मारो समिति, युवा संगठन समिति, ग्रामत विकास समिति के सदस्यों ने मिलकर किया. कार्यक्रम में जीवराखन लाल मरई, पीआर साहू, माधव साहू, ढालू ध्रुव, डोरेलाल गंजीर, नेम कुमार साहू, मोहन साह, हीरालाल साहू, मोहित देवांगन सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.

50 से ज्यादा गांवों में मातर उत्सव का हुआ आयोजन

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत देमार, भानपुरी, भटगांव, कंडेल, देवपुर, कांशीपुरी सहित जिले के 50 से ज्यादा गांवों में मातर का आयोजन किया गया. मातर उत्सव में मेला का भी आयोजन होता है. कई गांवों से मेहमान मातर में शामिल होते हैं और मेले में खरीददारी भी करते हैं. मातर उत्सव के साथ ही अंचल में मेला मड़ई का सिलसिला भी शुरू हो जाता है. उल्लेखनीय है माता अंगारमोती के दरबार गंगरेल में परंपरा के अनुसार दीपावली के बाद पहले शुक्रवार को मड़ई का आयोजन होता है. ऐसे में आठ नवंबर को यहां की मड़ई संभावित है.

/ रोशन सिन्हा

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now