रायपुर, 9 नवंबर .भारतीय जनता पार्टी के रायपुर संभाग प्रभारी सौरभ सिंह ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज द्वारा शनिवार को पत्रकार वार्ता में किए प्रलाप पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि जो कांग्रेस गंगाजल की सौगंध खाकर छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी करने के अपने वादे से मुकर गई और 2,000 करोड़ रुपये का शराब घोटाला करके भी जिस कांग्रेस के नेताओं को शर्म तक महसूस नहीं हुई.उस कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में शराब की नदियाँ बहने का मिथ्या प्रलाप करते शोभा नहीं देते.
भाजपा रायपुर संभाग प्रभारी श्री सिंह ने कहा कि शराब, कपड़े, रुपये बांटकर चुनाव लड़ना कांग्रेस की सियासी फितरत रही है. सत्ता में रहकर कांग्रेस सरकारी मशीनरी तक का दुरुपयोग करती रही है. यह जानने लिए बैज को 1975 के उस फैसले पर निगाह डालनी चाहिए, जब हाईकोर्ट ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का चुनाव अवैध घोषित कर दिया था. जिस कांग्रेस का समूचा राजनीतिक इतिहास कलंक-कथाओं से भरा पड़ा है, वह कांग्रेस आज रायपुर दक्षिण के उपचुनाव में इन हथकंडों के लिए भाजपा पर मिथ्या आक्षेप लगाकर उपचुनाव में अपनी तयशुदा हार की बौखलाहट को ही प्रदर्शित कर रही है. श्री सिंह ने कहा कि उपचुनाव में प्लेइंग कार्ड्स बांटने का झूठ भी वह कांग्रेस फैलाने में लगी है,जिसकी पिछली भूपेश सरकार ने महादेव सट्टा एप के जरिए प्रदेश के लाखों लोगों को सट्टे के दलदल में धकेलने और शर्मसार करने का धत्कर्म कर चुकी है.
भाजपा रायपुर संभाग प्रभारी श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ को अपराध मुक्त करने के लिए कृतसंकल्पित है. बैज पहले प्रदेश को यह बतायें कि बलौदाबाजार की हिंसा और आगजनी से लेकर सूरजपुर, लोहारीडीह और बलरामपुर तक के तमाम अपराधों में कांग्रेस के विधायक, पदाधिकारी, नेता ही क्यों संलिप्त पाए जा रहे हैं .उनको एड़ियाँ रगड़ने के बाद भी जमानत तक के लाले पड़े हुए हैं? श्री सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार पर दो तरह के कानून बनाकर चलाने का रोना-रोने वाले बैज जरा भूपेश सरकार की बदलापुर की राजनीति के दिनों को भी याद कर लें, जब भाजपा नेताओं को चुन-चुनकर बिना किसी अपराध के जेलों में ठूस दिया जाता था. प्रतिशोध की राजनीति कांग्रेस की राजनीतिक संस्कृति रही है, भाजपा की नहीं. भाजपा के शासनकाल में कानून का राज चलेगा और अपराधी चाहे जो हो, वह किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.
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/ केशव केदारनाथ शर्मा
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