नई दिल्ली, 04 नवंबर . जियो पॉलिटिकल टेंशन और ग्लोबल इकोनॉमी में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण गोल्ड मार्केट में लगातार तेजी बनी हुई है.दिवाली को आमतौर पर हिंदू कारोबारी कैलेंडर की शुरुआत माना जाता है. पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली तक सोने की कीमत में करीब 31 प्रतिशत से अधिक की तेजी दर्ज की गई. माना जा रहा है कि अगले साल यानी 2025 की दिवाली तक सोने की कीमत में 18 से 22 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है. इसी तरह चांदी की कीमत भी 30 प्रतिशत तक उछल सकती है.
सोने की कीमत में आई तेजी की सबसे बड़ी वजह जियो पॉलिटिकल टेंशन को माना जा रहा है. इसके साथ ही कई देशों के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कमी करने, ग्लोबल इकॉनमी में उतार-चढ़ाव होने और दुनिया के ज्यादातर स्टॉक मार्केट में गिरावट आने के कारण भी वैश्विक स्तर पर सोने को सपोर्ट मिला है.जानकारों का कहना है कि सोना और चांदी को परंपरागत रूप से इन्वेस्टमेंट का सेफ इंस्ट्रूमेंट माना जाता है. इसीलिए कभी भी तनाव होने या वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव होने पर सोने में निवेश बढ़ जाता है. पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली के बीच भी दुनिया भर में तनाव की स्थिति बनी रही.
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के अलावा इजरायल और हमास तथा हिज्बुल्लाह के बीच शुरू हुए संघर्ष ने जियो पोलिटिकल टेंशन को काफी बढ़ा दिया. अब इस जंग में ईरान के भी शामिल हो जाने की वजह से तनाव और बढ़ गया है, जिसके कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इसी दौरान दुनिया के कई देशों ने ब्याज दरों में कटौती भी की है, जिससे मार्केट की लिक्विडिटी पहले की तुलना में बढ़ गई है. यही वजह है कि निवेशक सेफ इन्वेस्टमेंट के रूप में सोना और चांदी में जमकर निवेश कर रहे हैं.
बुलियन मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन का कहता है कि 2023 की दिवाली से लेकर 2024 की दिवाली के दौरान सोने ने निवेशकों को शेयर मार्केट के एवरेज रिटर्न से ज्यादा रिटर्न दिया है. पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली तक शेयर बाजार का रिटर्न 24.92 प्रतिशत रहा है, जबकि सोने के मामले में रिटर्न 31.69 प्रतिशत रहा है. ये ट्रेंड 2025 की दिवाली तक जारी रह सकता है, क्योंकि सोने के लिए आउटलुक लगातार पॉजिटिव बना हुआ है.
ऐसी स्थिति में मार्केट एक्सपर्ट्स सोने की कीमत में कम से कम 10 प्रतिशत तक की तेजी का अनुमान लगा रहे हैं. इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि अगर केंद्र सरकार द्वारा सोने की इंपोर्ट ड्यूटी में की गई कटौती का असर बना रहा, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार से इसकी लिवाली और बढ़ेगी, जिसके कारण सोने की कीमत 15 से 18 प्रतिशत तक भी तेज हो सकती है. इसके अलावा अगर भारतीय रिजर्व बैंक ने दिसंबर में या फिर फरवरी में ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लिया, तो इससे भी सोने की कीमत को सपोर्ट मिलेगा. सोने की तरह ही चांदी में भी लगातार तेजी जारी रहने की उम्मीद जताई जा रही है.
जुनेजा सिक्योरिटीज एंड फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ विकास जुनेजा का कहना है कि पिछली दिवाली से लेकर इस दिवाली के बीच चांदी की कीमत में लगभग 40 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई है. सेफ इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट के तौर पर चांदी को भी निवेशकों ने हाथों-हाथ लिया है. इसके साथ ही इंडस्ट्रियल सेक्टर में चांदी की मांग बढ़ जाने के कारण भी इसकी कीमत को सपोर्ट मिला है. विकास जुनेजा का कहना है कि अगर वैश्विक हालात में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं हुआ और इंडस्ट्रियल सेक्टर में चांदी की मांग बनी रही तो अगली दिवाली तक इसकी कीमत में 30 प्रतिशत तक की तेजी देखी जा सकती है.
हालांकि, मयंक मोहन और विकास जुनेजा दोनों एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि सोना और चांदी की कीमत के बारे में जो भी अनुमान लगाया जा रहा है, वो मौजूदा वैश्विक और घरेलू परिस्थितियों के आधार पर लगाया जा रहा है. वैश्विक या घरेलू माहौल में होने वाला कोई भी बड़ा परिवर्तन हर अनुमान को ध्वस्त कर सकता है. इसलिए निवेशकों को खासकर छोटे और खुदरा निवेशकों को बाजार में पैसा लगाने के पहले हर स्थिति का ठीक से अध्ययन जरूर करना चाहिए. इसके साथ ही अपने निवेश सलाहकार से भी विचार विमर्श करने के बाद ही निवेशकों को अपनी निवेश योजना को अंतिम रूप देना चाहिए.
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/ योगिता पाठक
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