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अयोध्या : कार्तिक पूर्णिमा मेले में आस्था के समुंदर में गोते लगाने उतरे लगभग 15 लाख श्रद्धालु

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– हनुमानगढ़ी, रामलला व कनक भवन समेत अन्य मन्दिर शाम तक दिखे श्रद्धालुओं से खचाखच

अयोध्या, 15 नवंबर . प्रभु श्रीराम की नगरी में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. आस्था के समुंदर में करीब 15 लाख के बीच श्रद्धालुओं ने गोते लगाये.

शुक्रवार को ब्रह्म मुहूर्त में सरयू में स्नान-दान का सिलसिला शुरू हुआ, जो रात तक चलता रहा. हनुमान गढ़ी , रामजन्म भूमि, कनक भवन समेत अन्य मंदिरों में देर शाम श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. इसी के साथ अयोध्या ने दीपोत्सव और परिक्रमा के बाद एक और कीर्तिमान अपने नाम कर लिया. बड़ी संख्या में उमड़े श्रद्धालुओं का रिकार्ड बनाने का कार्तिक पूर्णिमा में यह छठवां अवसर भी अयोध्या के लिए बेहद महत्वपूर्ण था. मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम रहे. इस बार घाटों पर सादी वर्दी में भी महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मेले पर नजर बनाए हुए थे. यही कारण रहा कि मंडलायुक्त गौरव दयाल,आईजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह, एसएसपी राजकरण नैयर समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मेला क्षेत्र का निरीक्षण करते देखे गये.

भव्य मंदिर में रामलला के विराजमान होने के बाद कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान का यह पहला मौका था. इसलिए भक्त इस मौके से चूकना नहीं चाहते थे. यही कारण रहा कि अयोध्या मण्डल के अलावा देवीपाटन मंडल तक के श्रद्धालु अयोध्या में स्नान के लिए पहुंचे थे. कुछ श्रद्धालु परिक्रमा के बाद यहां मठ-मंदिरों में ठहरे हुए थे, जिन्होंने स्नान के बाद दर्शन-पूजन किया और अपने घरों की ओर प्रस्थान किया. देर शाम तक बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर भीड़ जुटी देखी गई.

क्या है स्नान का महत्वकार्तिक पूर्णिमा के दिन सरयू स्नान करने से महीने भर सरयू स्नान का पुण्य मिलता है. इसी दिन से अयोध्या में रहकर माह भर कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं का भी अनुष्ठान पूरा होता है. इसके साथ ही रामनगरी में चलने वाले प्राचीन कार्तिक मेले का भी समापन हो जाता है.

व्यवस्था व सुरक्षा के दिखे विशेष प्रबंधघाटों पर श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था व सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं. 150 से अधिक चेंजिंग रूम बनाये गए थे. वहीं सुरक्षा की दृष्टि से संपूर्ण मेला क्षेत्र को 6 जोन और 40 सेक्टर में बांटा गया था. इसके साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को स्नान घाटों पर लगाया गया था. जल पुलिस बाढ़ राहत और एसडीआरएफ की टीम स्नानार्थियों के सुरक्षा के लिए सक्रिय दिखी. मेला क्षेत्र की ड्रोन कैमरे से होती रही निगरानीपूरे मेला क्षेत्र में जल, थल और नभ से सुरक्षा की विशेष व्यवस्था रही. ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही थी. एटीएस को भी तैनात किया गया था. एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया की परिक्रमा के बाद से श्रद्धालुओं ने अयोध्या में डेरा डाल रखा था. उनकी सुरक्षा हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण थी. इसी कारण बड़ी संख्या में फ़ोर्स लगाई गई थी. जगह-जगह रूटों को डायवर्जन व्यवस्था भी की गई थी. उन्होंने बताया कि करीब 15 लाख श्रद्धालुओं ने अयोध्या पहुंचकर पुण्य की डुबकी लगाई है.

/ पवन पाण्डेय

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