नई दिल्ली, 16 नवंबर . दिल्ली के साकेत कोर्ट ने गुरुग्राम के ब्रह्मा सिटी में प्लॉट खरीददारों के पैसे की हेराफेरी करने के आरोपित राजेश कात्याल को जमानत दे दी है. स्पेशल जज गौरव गुप्ता ने जमानत देने का आदेश दिया.
कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 की दो शर्तें आरोपित पर लागू नहीं होती क्योंकि जिन एफआईआर के आधार पर ईडी ने ईसीआईआर दर्ज किया था वो संदेह के घेरे में हैं. ऐसे में आरोपित को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. कोर्ट ने दस लाख के निजी मुचलके और इतनी ही रकम को दो जमानतियों के आधार पर जमानत दी है. कोर्ट ने राजेश कात्याल को हर सोमवार को जांच अधिकारी के समक्ष हाजिरी लगाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने आरोपित को कोर्ट की अनुमति के बिना दिल्ली और हरियाणा के बाहर जाने से मना कर दिया.
राजेश कात्याल पर आरोप है उसने अपने भाई अमित कात्याल और अपनी कंपनियों ब्रह्मा सिटी प्राइवेट लिमिटेड और कृष रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड के जरिये भोले-भाले निवेशकों से गुरुग्राम में प्लॉट खरीदने के लिए निवेश कराया और उन पैसों की हेराफेरी कर दी. आरोप है कि इन्होंने प्लॉट खरीददारों से पैसे लेकर अपनी कंपनियों के खाते में डाल दिए और उन पैसों को फर्जी कंपनियों के जरिये विदेशों में भेज दिए. प्लॉट खरीददारों से लिए पैसे में से 241 करोड़ से ज्यादा की रकम महादेव इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में ट्रांसफर कर दिए गए. राजेश कात्याल महादेव इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है. इनमें से 205 करोड़ की रकम कोलंबो की कंपनी मेसर्स ट्रांसवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड में डाल दिए गए.
इस मामले में ईडी ने 03 मार्च 2023 को ईसीआईआर दर्ज किया था. ईडी के मुताबिक ये ईसीआईआर दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा, दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस की ओर से दर्ज आठ एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया था.
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/ प्रभात मिश्रा
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