हिसार, 8 नवंबर . स्पिरिचुअल हीलर के तौर पर प्रसिद्ध सद्गुरु मां उषा को मैयड़ स्थित सिद्ध महामृत्युंजय योग एवं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है. सद्गुरु मां उषा इस समय अपने प्रवचनों में भारत की सनातन संस्कृति की महानता को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से असंख्य लोगों का मार्गदर्शन कर रही हैं.
संस्थान के संस्थापक स्वामी सहजानंद सरस्वती ने शुक्रवार को बताया कि सद्गुरु मां उषा पर्यावरण जागरूकता अभियानों में पिछले 35 वर्षों से सक्रिय होने के नाते उनके प्रवचनों में पर्यावरण बचाने का संदेश भी निहित होता है. स्वामी सहजानंद ने बताया कि सद्गुरु मां उषा पर्यावरण मुक्त-पॉलिथीन मुक्त अभियान में वे बहुत सक्रिय हैं. वे इस समय वल्र्ड क्लाइमेट चेंज फाउंडेशन की ब्रांड अंबेसडर हैं. उन्होंने करीब 15 साल पहले सिंगल यूज प्लास्टिक के पर्यावरण को होने वाले खतरे से आगाह करने के साथ देश की अनेक सरकारों को सिंगल यूज प्लास्टिक पर सख्ती से बैन के लिए लिखना आरंभ किया था.
बहुआयामी व्यक्तित्व की धनी आगरा में 11 नवम्बर 1959 को जन्मी सद्गुरु मां उषा का बचपन से आत्मविश्वासी और उत्साही होना उनके बहुत काम आया. इसलिए यौवन अवस्था में अपने जीवन में आए कठिन दिनों में भी उनका हौसला नहीं डगमगाया. पिता आईएएस होने के साथ पूरा परिवार ब्यूरोक्रेट्स में रहा, फिर भी उनका मन सामाजिक पद-प्रतिष्ठा को पाना नहीं रहा, इसलिए स्नातकोत्तर और लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद भी गुरु मां ने खुद को भौतिक जीवन में खपाने की बजाए जीवन जीने के लिए अध्यात्म का रास्ता चुना. इस समय 65 साल की उम्र में वे प्रतिदिन 4 घंटे साधना में लीन रहती हैं. उनकी अब तक चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं.
/ राजेश्वर
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