– डीएफएस सचिव ने कहा, कृषि और एमएसएमई को लोन बढाने पर ध्यान दे बैंक
– डीएफएस सचिव नागराजू ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ समीक्षा बैठक की
नई दिल्ली, 05 नवंबर . देशभर में साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं से चिंतित वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के साथ यहां एक समीक्षा बैठक की. डीएफएस सचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा कि वे अपने डिजिटल और साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत बनाएं.
वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक के दौरान पीएसबी की मजबूती बढ़ाने, हाल की वित्तीय उपलब्धियों के आधार पर निर्माण करने और डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे पर खास ध्यान देने पर भी चर्चा हुई. डीएफएस सचिव एम. नागराजू ने बैंकों से कहा कि उन्हें ग्राहक सुरक्षा तथा परिचालन निरंतरता को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए.
डीएफएस के सचिव ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा जन शिकायतों के समय पर और गुणवत्तापूर्ण निवारण पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया. सचिव नागराजू ने पीएसबी से कृषि और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को कर्ज देने की गति बढ़ाने के साथ ही वित्तीय समावेश को मजबूत करने का आह्वान किया. मंत्रालय के मुताबिक बैठक में पीएसबी को खासकर साइबर सुरक्षा जरूरतों के मद्देनजर अपने वित्तीय और परिचालन ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया गया.
डीएफएस सचिव नागराजू ने बैठक के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा कि कृषि और एमएसएमई को ऋण देने की गति बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. वित्तीय समावेशन को गहरा करने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए. इस दौरान उन्होंने विभिन्न वित्तीय समावेशन योजनाओं प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), अटल पेंशन योजना (एपीवाई) और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के प्रगति की समीक्षा की.
इसके साथ ही उन्होंने बैठक में बैंको से कहा कि स्टैंड अप इंडिया, पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि), पीएम विश्वकर्मा, पीएम सूर्य घर योजना, आदि और अन्य प्रमुख योजनाएं जिनका उद्देश्य ऋण तक पहुंच को बढ़ावा देने के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ाना है. डीएफएस सचिव ने कहा कि प्रौद्योगिकी या डेटा एनालिटिक्स में निवेश और उभरते क्षेत्रों में सहयोग के माध्यम से अनुकूलित समर्थन का निर्माण बढ़ाया जाएगा.
—————
/ प्रजेश शंकर
You may also like
वीडियो में देखें क्या है राजस्थान के इस गांव का रहस्य? जो पिछले कई सालों से है श्रापित
डाला छठ पर सात नवम्बर को काशी में सार्वजनिक अवकाश, घरों में पारम्परिक गीतों की सुगंध
शारदा सिंहा के निधन पर जेपी नड्डा ने जताया शोक
मप्रः सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की यूनिट-11 ने किया लगातार 100 दिन से ज्यादा विद्युत उत्पादन
मालेगांव विस्फोट मामला: साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी