Top News
Next Story
NewsPoint

पार्थ अब प्रभावशाली नहीं, जमानत में रुकावट क्यों हाई कोर्ट में वकील की दलील, लेकिन मामला अब भी अटका

Send Push

कोलकाता, 27 सितंबर . शिक्षा भर्ती घोटाले के मामले में पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. पार्थ के वकील ने अदालत में तर्क दिया कि उनके मुवक्किल अब प्रभावशाली व्यक्ति नहीं हैं, फिर भी उन्हें जमानत क्यों नहीं दी जा रही है? इस तर्क के समर्थन में वकील ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और हाल ही में जमानत पाए तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल का उदाहरण भी दिया. इसके बावजूद, पार्थ की जमानत याचिका पर कोई फैसला नहीं हुआ और अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख तीन अक्टूबर निर्धारित की है.

शुक्रवार को हाई कोर्ट में न केवल पार्थ चटर्जी, बल्कि राज्य के पूर्व शिक्षा अधिकारियों, जैसे सुबीरश भट्टाचार्य, शांतिप्रसाद सिन्हा और अपूर्व साहा की जमानत याचिकाओं पर भी सुनवाई हो रही थी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस ओरिजित बनर्जी और जस्टिस अपूर्व सिंह राय की बेंच कर रही थी.

सीबीआई ने अब तक पार्थ की जमानत का विरोध करते हुए तर्क दिया था कि वे एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और अगर उन्हें जमानत दी जाती है, तो वे शिक्षा भर्ती घोटाले की जांच को प्रभावित कर सकते हैं. इसके साथ ही, सीबीआई का मानना है कि पार्थ गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और सबूतों को नष्ट कर सकते हैं. हालांकि, शुक्रवार की सुनवाई में पार्थ के वकील ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि पार्थ अब न तो मंत्री हैं और न ही कोई राजनीतिक प्रभावशाली नेता उनके साथ हैं. वह अब अकेले हैं और इसीलिए उन्हें प्रभावशाली मानना गलत है.

पार्थ के वकील ने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ भी प्रभावशाली होने का तर्क दिया गया था. वे आज भी प्रभावशाली हैं, इसके बावजूद उन्हें जमानत मिल चुकी है. वकील ने सवाल उठाया कि जब पार्थ अब प्रभावशाली नहीं हैं, तो उन्हें जमानत क्यों नहीं दी जा रही है?

इस बीच, अदालत ने शुक्रवार को सीबीआई से अपने तर्क लिखित रूप में जमा करने के लिए कहा था, लेकिन सीबीआई ऐसा करने में असमर्थ रही. इससे अदालत ने नाराजगी जाहिर की और सीबीआई को अगले सुनवाई की तारीख तीन अक्टूबर तक अपने तर्क लिखित में जमा करने का निर्देश दिया.

/ ओम पराशर

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now