चंडीगढ़, 29 सितंबर . असम की डिब्रूगढ़ जेल में एनएसए के तहत बंद वारस पंजाब दे के प्रमुख एवं खडूर साहिब सीट से कट्टरपंथी सांसद अमृतपाल सिंह खालसा की टीम ने पंथ और पंजाब के लिए एक पंथक राजनीतिक पार्टी का गठन किया है. इसके साथ इस मामले में सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने की कवायद शुरू हो गई है.
रविवार सुबह सतगुरु हरगोबिंद पातशाह के चरणों में अमृतपाल सिंह खालसा की टीम ने प्रार्थना की और राज करेगा खालसा की अवधारणा के तहत एक राज्य स्थापित करने के लिए एक पंथ पार्टी बनाने की अनुमति और पार्टी के नाम, प्रतीक, संविधान और संगठनात्मक संरचना के निर्माण का आशीर्वाद मांगा. ताकि वह पंजाब की पवित्र भूमि के लोगों के लिए एक शाश्वत राज्य स्थापित कर सकें. उन्होंने कहा कि भले ही अब तक पंजाब पर शासन करने वाले राजनीतिक दल खुद को अकाली कहते थे लेकिन उन्होंने कभी भी सतगुरु हरगोबिंद पातशाह की मीरी पीरी के सिद्धांत की परवाह नहीं की है. शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष लंबे समय से बादल परिवार द्वारा भेजे गए सीलबंद लिफाफे से बाहर आ रहे हैं, जिससे हर उस सिख का दिल दुखी हुआ जो सिख राजनीति में सिख दर्शन को लागू करना चाहता है. अतीत में सरकारों के हर स्तर के नेताओं ने पैसे की खातिर युवाओं को धर्म से दूर कर नशे की ओर मोड़ने की गलती की और भाई अमृतपाल सिंह खालसा ने खालसा वाहीर के माध्यम से नशे से मुक्ति के लिए आंदोलन शुरू किया तो एनएसए लगाकर हजारों मील दूर डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया. आम आदमी पार्टी की सरकार के इस जुल्म को कांग्रेस, भाजपा या पारंपरिक अकाली सभी ने पूरा समर्थन दिया.
इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए अमृतपाल सिंह के पिता बापू तरसेम सिंह ने कहा कि पंजाब पर आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक स्तर पर लगातार बेइंसाफी की जा रही है. न्याय कहीं नजर नहीं आता. पंजाब में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, आर्थिक और कानून व्यवस्था की स्थिति सबसे गंभीर स्थिति में है. फिलहाल पंजाब का फैसला दिल्ली से हो रहा है. पंजाब में कोई क्षेत्रीय राजनीतिक दल नहीं है. इस मौके पर लोग पंजाब, पंजाबियों और सिखों के हितों की रक्षा के लिए एक नई पार्टी की जरूरत को शिद्दत से महसूस कर रहे हैं. पंजाब को कैसे बेहतर बनाना है या व्यवस्था कैसे चलानी है, ये पंजाब की जनता तय करेगी. आज पंजाब के सामने मौजूद चुनौतियों, चिंताओं और मुद्दों को हल करने के लिए मानस की जाति सबै एकै पहचानबो के सिद्धांत के साथ काम करने की जरूरत है. इस पार्टी में ईर्ष्या और नफरत के लिए कोई जगह नहीं होगी.
इस अवसर पर अमृतपाल के दादा बापू तरसेम सिंह, चाचा सुखचैन सिंह, सुखविंदर सिंह अगवान, गुरसेवक सिंह जवाहर, भाई चमकौर सिंह और अमृतपाल सिंह खालसा वहीर की पूरी टीम माैजूद रही.
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शर्मा
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