जम्मू, 13 नवंबर . सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के संबंध में उमर अब्दुल्ला की हालिया टिप्पणियों के जवाब में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता पूर्णिमा शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि संधि से संबंधित कोई भी निर्णय केंद्र सरकार का एकमात्र विशेषाधिकार है. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1960 में हस्ताक्षरित आईडब्ल्यूटी भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐतिहासिक जल-साझाकरण समझौता है और किसी भी संशोधन में राष्ट्रीय हित और भारत की संप्रभुता पर विचार किया जाना चाहिए.
बुधवार को यहां जारी एक बयान में वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में हाल के घटनाक्रमों ने भारत के जल संसाधनों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया है और यह सुनिश्चित किया है कि आईडब्ल्यूटी जैसे समझौते वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाते हैं. उन्होंने कहा जल संधि पर उमर अब्दुल्ला के बयानों से ऐसी संधियों की गंभीरता और इसमें शामिल रणनीतिक विचारों की समझ की कमी झलकती है. उन्होंने कहा कि भाजपा भारत के हितों की रक्षा और जम्मू-कश्मीर के कल्याण को सुनिश्चित करने में केंद्र के साथ मजबूती से खड़ी है.
पूर्णिमा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और जल अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर लगातार मजबूत रुख दिखाया है. जम्मू-कश्मीर के लोगों को जल संधि जैसे संवेदनशील मुद्दों को संभालने में केंद्र के निर्णय और समझदारी पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की विशेषज्ञता और संसाधन राष्ट्र और केंद्र शासित प्रदेश के लिए सर्वोत्तम परिणाम सुनिश्चित करते हैं. वहीं पूर्णिमा ने क्षेत्रीय नेताओं से ऐसे बयान देने से बचने का आग्रह किया जो जनता को गुमराह कर सकते हैं और अनावश्यक विवादों को बढ़ावा दे सकते हैं.
/ राहुल शर्मा
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