उदयपुर : थाना टीडी क्षेत्र के नयाखेडा में सरकारी जमीन पर नूर कॉलोनी नाम से चलाए जा रहे फर्जी प्लॉट के मामले में सरगना फैयाज मोहम्मद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में दर्जनों टेम्पो चालकों और मजदूरों से पैसे लेकर उन्हें प्लॉट देने का वादा किया गया था.
पुलिस को प्राप्त परिवाद के अनुसार, परिवादीगण में श्री फरीद अली (उम्र 45), श्री मोईनुदिन शेख, श्री मोहम्मद निजामुदिन शेख, श्री अब्दुल मजीद, श्री शफी शाह, श्री मोहम्मद शकिल, श्री मोहम्मद अख्तर, श्री शमसुदिन, श्री अकरम हुसैन, और श्री अयुब बेग शामिल हैं. सभी परिवादी मजदूर वर्ग से हैं और उन्होंने फैयाज मोहम्मद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
करीब 09 वर्ष पूर्व, फैयाज मोहम्मद ने नयाखेडा में आवासीय प्लॉटों की योजना बनाई थी, जिसे “नूर कॉलोनी” नाम दिया गया था. आरोप है कि फैयाज ने परिवादियों को इस योजना का नक्शा दिखाकर विश्वास दिलाया कि वह उन्हें सरकारी जमीन पर प्लॉट देगा. उन्होंने आरोप लगाया कि फैयाज ने अपनी रिहायशी संपत्ति के निकट सरकारी जमीन को अपनी बताकर उन्हें बरगलाया.
परिवादियों ने इस योजना में भाग लेते हुए प्रत्येक ने 50,000 रुपये की नगद राशि और फिर प्रतिमाह 5,000 रुपये की किश्तें फैयाज को दीं. जब उन्होंने अपनी किश्तें पूरी कर लीं और फैयाज से रजिस्ट्री कराने का आग्रह किया, तो फैयाज ने उन्हें निराश किया.
जब परिवादियों ने मामले की जांच की, तो पता चला कि जिस जमीन के लिए फैयाज ने उन्हें विक्रय ईकरार दिया था, वह वास्तव में उसके नाम पर नहीं थी. इसके साथ ही यह भी सामने आया कि फैयाज ने सरकारी जमीन को अपने नाम पर बताकर लोगों से अवैध रूप से धन वसूल किया है.
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक श्री योगेश गोयल ने निर्देश दिए कि जल्द से जल्द इस मामले का समाधान किया जाए. उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री गोपाल स्वरूप मेवाडा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया.
पुलिस ने जांच के दौरान फैयाज मोहम्मद को हिरासत में लिया और उससे गहन पूछताछ की. उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर फैयाज को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि फैयाज ने सरकारी जमीन पर फर्जी कॉलोनी बनाकर लोगों से धनराशि जुटाई थी.
अभियुक्त को माननीय न्यायालय में पेश किया जाएगा. पुलिस ने कहा कि इस मामले में और भी फर्जी कॉलोनियों और प्लॉटों की जानकारी मिल सकती है. फैयाज के खिलाफ पहले से भी पुलिस थाना नाई में तीन जमीन धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं, और उसकी हिस्ट्रीशीट खोलने की प्रक्रिया की जा रही है.
इस मामले ने न केवल स्थानीय लोगों के विश्वास को तोड़ा है, बल्कि यह एक बड़ा उदाहरण भी है कि कैसे धोखाधड़ी करने वाले लोग सरकारी संपत्ति का गलत उपयोग करते हैं. पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से पहले उचित जांच करें और सतर्क रहें.