Top News
Next Story
NewsPoint

बैकुंठ चतुर्दशी पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्री हरि भगवान विष्णु की होगी विशेष पूजा

Send Push

-भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे, बैकुंठ जी विग्रह पर सहस्त्रार्चन एवं राग-भोग आरती

वाराणसी, 07 नवम्बर . बैकुंठ चतुर्दशी (14 नवम्बर) पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्री हरि भगवान विष्णु की विशेष पूजा, आराधना के बाद आरती की जाएगी. यह पूजा श्री हरि के समस्त प्रधान विग्रह पर की जाएगी. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अनुसार बैकुंठ जी (मुख्य मंदिर परिसर में गर्भगृह एवं दण्डपाणि विग्रह के मध्य) विग्रह पर सहस्त्रार्चन एवं राग-भोग आरती का आयोजन किया जाएगा.

इसके बाद सत्यनारायण जी (मुख्य मंदिर परिसर में बी गेट “सरस्वती द्वार” प्रवेश के दाहिने तरफ) के विग्रह पर शुक्ल यजुर्वेद के पुरुष सूक्त पाठ के उपरांत आरती होगी. इसी क्रम में बद्रीनारायण जी (मुख्य मंदिर परिसर में ए गेट “गंगा द्वार” प्रवेश के दाहिने तरफ) के विग्रह पर विष्णु सहस्त्रनाम पाठ के उपरांत राग-भोग आरती होगी. ललिता घाट पर स्थित भगवन विष्णु जी मंदिर (“पद्म्नाभेश्वर मंदिर”)में पंचामृत से पूजन के उपरांत षोडशोपचार पूजन किया जाएगा. न्यास के अनुसार बैकुंठ चतुर्दशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. जिसे विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा एवं आराधना का दिन माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु की योग निद्रा समाप्त होती है. और वे बैकुंठ लोक से जागकर सृष्टि की गतिविधियों में सक्रिय हो जाते हैं. इस दिन भगवान शिव सृष्टि की जिम्मेदारी विष्णु जी को सौंपते हैं. इस दिन की पूजा और आराधना से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से भगवान विष्णु की कृपा से भक्त को बैकुंठ लोक की प्राप्ति के लिए श्री हरि के भक्त आराधना करते हैं.

—————

/ श्रीधर त्रिपाठी

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now