Top News
Next Story
NewsPoint

विदिशा: लाइनों में लगकर अन्नदाता परेशान, डीएपी खाद की बोरियों से अधिक किसानों की संख्या

Send Push

विदिशा, 7 नवंबर . खेती में फसल की बोवनी किसानों द्वारा की जा रही है, कई किसानों ने उपज की बोवनी पहले ही कर दी है तो कुछ किसान बाकी है. जिले के अधिकांश किसान खेती के लिए जरूरत की खाद लेने के लिए समिति पर पहुंच रहे हैं. जिसके लिए किसानों को खाद की बोरी लेने के लिए काफी मेहनत करना पड़ रही है . हाल ये हैं कि खाद लेने के लिए किसान को सुबह 5 बजे से लाइन में खड़े हो रहे हैं. ऐसा ही मामला बुधवार को पुरानी कृषि उपज मंडी के एमपी एग्रो के गोदाम पर देखने को मिला. यहां पर सुबह 5 बजे से बड़ी संख्या में किसान खाद लेने के लिए पहुंचे. किसानों ने अपने दस्तावेज रखकर लाइन में शामिल होने का प्रयास किया जिससे गोदाम के पास किसानों के दस्तावेजों की लंबी कतार लगी रही सुबह 10 बजे के लगभग खाद वितरण शुरू हुआ. बताया जाता है कि किसानों के लिए खाद वितरण के लिए करीब 600 बोरी खाद आई थी, लेकिन बोरियों से अधिक संख्या किसानो की थी.

गोदाम पर खाद वितरण व्यवस्था एकदम फेल नजर आई . किसानों ने जहां सुबह से दस्तावेज रखकर लाइन लगा रखी थी वहीं खाद वितरण के दौरान अलग से लाइन लगाने को कहा गया. पहले खाद लेने के चक्कर में किसान लाइन से बाहर होकर खाद लेने लगे. इस दौरान गोदाम पर काफी भीड़ देखने को मिली. कई किसानों को खाद नहीं मिला. किसानों का आरोप है कि जब खाद वितरण होना था तो पुलिस व्यवस्था कराती और लाइन लगाकर खाद देना थी. किसाानो का आरोप हैं कि हम लोग सुबह से लाइन लगाकर खड़े हैं यहां व्यवस्था संचालको द्वारा फेल कराई है . किसानों का कहना है कि एक किसान को एक हेक्टर पर चार बोरी दी जा रही है, और दो बोरी पर एक कल्चर की एक बोतल दी जा रही है जिसकी कीमत 300 रुपए है यह बोतल किसानों को जबरन थमाई जा रही है . जब तक किसान यह बोतल नहीं ले रहे हैं तो किसानों को खाद नहीं दिया जा रहा है. किसानो की मांग है कि वितरण व्यवस्था में सुधार किया जाए.

किसानों को डीएपी खाद की किल्लत

कुरवाई. किसानों का इन दिनों खरीफ की फसल चना व गहूूॅ की बउनी का समय है, किन्तु विदिशा जिला अर्न्तगत संचालित सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को पर्याप्त मात्रा में डीएपी खाद नहीं मिल पा रहा है. किसान इन दिनों परेसान होकर इधर उधर घूमने व कालाबाजारी करने बालों से खाद खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं. यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेताओं ने किसानों के हित में आन्दोलन की चेतावनी दी है.

किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है.

किसान चौ तरफा परेसान है, सरकार समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदी पर ध्यान नहीं दे रही है, सोयाबींन की तुलाई न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं हो पा रही है, जिसके कारण किसान व्यापारियों के पास पहुंच कर अनाज विक्रय करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

—————

/ राकेश मीना

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now