प्रयागराज, 15 नवम्बर . इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ड्रग्स लाइसेंसिंग अथारिटी को अनधिकृत डाक्टर के खिलाफ एक्सपायर्ड दवा बेचने की शिकायत की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ तथा न्यायमूर्ति वी सी दीक्षित की खंडपीठ ने वागीश कुमार सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है. याची का कहना था कि बिना एमबीबीएस पास किये स्टूडेंट ऋषि नारायण त्रिपाठी जनरल फिजिशियन के रूप में डाक्टर पैड, हॉस्पिटल के बोर्ड, ब्रोसर आदि पर नाम प्रदर्शित कर चंदौली में सूर्या हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर में डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस कर रहे हैं और सुदामा मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहे हैं.
याची का कहना है कि त्रिपाठी ने वर्ष 2014-15 में एस एम बी टी मेडिकल कालेज, नासिक, महाराष्ट्र में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लिया लेकिन पास नहीं हो सके. वह 2020 से अपने बड़े भाई गौतम त्रिपाठी द्वारा संचालित हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज करते है. और पुनः 2022 में फेल हो गया और 2023 में सुदामा मेडिकल स्टोर का लाईसेन्स लेकर मरीजों का इलाज के साथ-साथ दवा बेचने का भी कारोबार कर रहा है. एक व्यक्ति पहले एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लिया और फेल हो गया. तब बिना डिग्री के मरीजों का इलाज के साथ-साथ दवा का कारोबार कर रहा है.
शिकायत पर सी एम ओ चंदौली ने 15 जुलाई 23 को नोटिस जारी किया. कोई कार्यवाही नहीं किया. उसके बाद पुलिस में शिकायत पर कोतवाली चंदौली ने रिपोर्ट दिया कि अभी एमबीबीएस अंतिम वर्ष का छात्र है और हॉस्पिटल में इलाज और मेडिकल स्टोर चला रहा है लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं किया.
याची का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने डी के जोशी केस में बिना डिग्री के मरीजों का इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही के लिए जिले के डीएम, एसपी, और सीएमओ को जिम्मेदार माना है और प्रमुख सचिव मेडिकल हेल्थ यूपी को निगरानी करने का आदेश दिया है.
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/ रामानंद पांडे