जम्मू 16 नवंबर . जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के शैक्षिक अध्ययन विभाग ने अपनी शिक्षा शास्त्र पहल के तहत “कवि और कविता पर महर्षि श्री अरबिंदो के विचार” शीर्षक से एक आकर्षक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया. गूगल मीट के माध्यम से आयोजित इस सत्र में छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों की एक विस्तृत श्रृंखला ने भाग लिया जो बौद्धिक विकास और अंतर-विषयक संवाद को बढ़ावा देने के लिए विभाग के समर्पण को दर्शाता है.
कार्यक्रम का उद्घाटन शैक्षिक अध्ययन विभाग की समन्वयक डॉ. दिशा शर्मा ने किया जिन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो. असित मंत्री, संकाय सदस्यों और संसाधन व्यक्ति डॉ. चरण सिंह केदारखंडी का स्वागत किया. अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. शर्मा ने आज की तेज-तर्रार दुनिया में कविता और लेखन कौशल की स्थायी प्रासंगिकता को रेखांकित किया. उत्तराखंड के ज्योतिर्मठ स्थित राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. केदारखंडी ने श्री अरबिंदो के काव्य दर्शन की व्यापक खोज की. कविता और व्यक्तिगत विकास के बीच संबंध स्थापित करते हुए उन्होंने कविता को जो मौजूद है और जो होना चाहिए, उसके बीच एक पुल के रूप में वर्णित किया. वाल्मीकि, वर्ड्सवर्थ, कीट्स, टैगोर और श्री अरबिंदो जैसे दिग्गजों का हवाला देते हुए, डॉ. केदारखंडी ने काव्य अभिव्यक्ति की परिवर्तनकारी शक्ति और रचनात्मकता और मौलिकता को प्रेरित करने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला.
व्याख्यान के बाद एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र हुआ जिसमें उपस्थित लोगों को कविता की पेचीदगियों और आधुनिक शिक्षा और विचार पर इसके प्रभाव के बारे में गहराई से जानने का मौका मिला.
/ राहुल शर्मा
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