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ब्रजवासियों के संग विदेशी भक्तों ने की गोवर्धन पूजा, गोवर्धन की सप्तकोसीय परिक्रमा में उमड़ा सैलाब

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मथुरा, 02 नवम्बर . आस्था का सैलाब इस प्रकार उमड़ा कि परिक्रमा में भक्तों की भीड़ ही भीड़ दिखाई दे रही है. गिरिराज धाम में एक बार फिर से द्वापर युग की याद ताजा हो गई. द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों के संग गोवर्धन नाथ की पूजा की थी. आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों से आये भक्तों ने पूजा की. गिरिराज जी के समक्ष छप्पन भोग लगाए गये. आस्था में जगह-जगह फूल बंगला व ठाकुर जी के शृंगार के अदभुत दर्शन हुए. भक्त गिरधारी गौड़ीय मठ से छप्पन भोग की टोकरी सिर पर रखकर मानसी गंगा की परिक्रमा करते हुए राजा वाले मंदिर पर पहुंचे.

भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ा स्थली गोवर्धन में शनिवार को आस्था की अद्भुत झलक दिखाई दी. भारतीय परिधान में विदेशी भक्तों के मुख से हरिनाम संकीर्तन के साथ भारतीय संस्कृति की बिखरती छटा देखते ही बन रही थी. किसी के सिर पर मटकी थी तो कोई छप्पन भोग की छबरी लेकर यहां आया था.

गिरिराज जी की तलहटी में द्वापर युग की परंपरा में पूजा हुई. माखन-मिश्री की मटकी व छप्पन भोग की टोकरी लेकर देशी-विदेशी भक्त गोवर्धन पहुंचे. सब देवन कौ देव है आज यई को ध्यान धरिंगे… तोपे पान चढै तौपे दूध चढ़े और चढ़े दूध की धार… आदि भजनों की धुन पर गिरिराज जी के प्राकट्य स्थल गिरिराज धाम में लाखों भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. क्या देशी क्या विदेशी भक्त चहुंओर गिरिराज महाराज के जयकारे गूंज रहे हैं.

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने इन्द्र का मान मर्दन करते हुए बृजवासियों से गिरिराज पर्वत की पूजा कराई थी. पूजा में बृजवासियों ने घर घर में अन्नकूट व व्यंजन बनाकर गोवर्धन पर्वत को अर्पित किये तो भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत मे प्रवेश कर स्वयं अन्नकूट ग्रहण किया था. बृजवासियों को साक्षात दर्शन दिये थे तथा इन्द्र का मान मर्दन किया. तभी से गोवर्धन के साथ संपूर्ण बृज मे गोवर्धन पूजा के साथ अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है.

भक्तों ने लगाई परिक्रमा

यह पूजा साक्षात परमेश्वर श्रीकृष्ण की पूजा है कि जो कि ब्रज में गिरिराज जी के रूप में विराजमान हैं. वहीं दूसरी ओर गोवर्धन पूजा के उपलक्ष्य में लाखों भक्तों ने गिरिराज जी की परिक्रमा लगाई. परिक्रमा में भीड़ का ऐसा सैलाब उमड़ा कि मानव श्रृंखला दिखाई दी. भक्तों ने गिरिराज दानघाटी मंदिर दर्शन कर आन्यौर, पूंछरी, जतीपुरा, मानसी गंगा होते हुए परिक्रमा पूरी. जगह-जगह अन्नकूट महोत्सव का प्रसादी वितरित किया गया. मुख्य गिरिराज दानघाटी मंदिर, मानसी गंगा जगह-जगह अन्नकूट महोत्सव का प्रसादी वितरित किया गया.

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/ महेश कुमार

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