Top News
Next Story
NewsPoint

हिंदुस्तान जिंक का शिक्षा संबल: ग्रामीण छात्रों के भविष्य को नई उड़ान

Send Push

दीपावली की छुट्टियों में जब अधिकतर बच्चे त्योहार की रौनक में रंगे होते हैं, तब हिंदुस्तान जिंक ने राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में एक नई पहल की. इस पहल के तहत 7 जिलों के 4,250 से अधिक छात्रों के लिए एक विशेष शिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर का उद्देश्य था उन विद्यार्थियों को संबल प्रदान करना, जो गणित, विज्ञान और अंग्रेजी जैसे कठिन विषयों में शैक्षणिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

दीपावली पर शिक्षा का अलख

हिंदुस्तान जिंक की इस अनोखी पहल के जरिए, राजस्थान के आगुचा, चित्तौड़गढ़, कायड़, दरीबा, देबारी और जावर क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों के हजारों छात्रों को विशेष कोचिंग दी गई. दीपावली की छुट्टियों में आयोजित इस शिविर में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषयों को आसान तरीके से समझाने के लिए व्यावहारिक एवं प्रायोगिक कक्षाओं का आयोजन किया गया. इन कक्षाओं के माध्यम से बच्चों को पढ़ाई के प्रति रुचि विकसित करने का प्रयास किया गया.

शैक्षणिक कमज़ोरियों पर खास ध्यान

शिविर में विशेष रूप से उन छात्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया जो विषयों की बुनियादी अवधारणाओं को समझने में कठिनाई महसूस करते हैं. गणितीय समस्याएं, विज्ञान के मूलभूत सिद्धांत और अंग्रेजी के व्याकरण संबंधी कठिनाई को दूर करने के लिए व्यावहारिक उदाहरणों के साथ पढ़ाई को रोचक बनाया गया. इन गतिविधियों ने न केवल उनके ज्ञान को बढ़ाया, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास से भर दिया.

विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता का विकास

इस शिक्षण शिविर में छात्रों को समूहों में विभाजित किया गया ताकि वे एक-दूसरे की मदद कर सकें. पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को कमजोर बच्चों की सहायता करने का दायित्व सौंपा गया. इस सहयोगात्मक दृष्टिकोण ने बच्चों के बीच आपसी सामंजस्य को बढ़ाया और उन्हें सामूहिक सीखने का महत्व समझाया. यह कदम उन्हें न केवल शिक्षा में मदद करता है, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

व्यावहारिक कार्यपुस्तिकाओं से सशक्त शिक्षा

शिविर के दौरान बच्चों को कार्यपुस्तिकाओं के माध्यम से पढ़ाई का अभ्यास कराया गया. ये कार्यपुस्तिकाएं विषयों को समझने में सहायक बनीं, जिससे छात्रों का शैक्षणिक आत्मविश्वास बढ़ा. इन कार्यपुस्तिकाओं का चयन विशेष रूप से कठिन अवधारणाओं को सरल बनाने के लिए किया गया था. फिल्ड कार्मिकों ने बच्चों के घरों पर संपर्क कर उन्हें शिविर में शामिल होने के लिए प्रेरित किया और सुनिश्चित किया कि वे नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहें.

2008 से जारी हिंदुस्तान जिंक का शिक्षा संबल कार्यक्रम

हिंदुस्तान जिंक का शिक्षा संबल कार्यक्रम उनकी सीएसआर पहल के अंतर्गत शिक्षा पर केंद्रित एक प्रयास है, जो विद्या भवन सोसाइटी के सहयोग से वर्ष 2008 से संचालित हो रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को उनकी पढ़ाई में सहायता मिल सके और वे अपनी शैक्षणिक यात्रा को सफलतापूर्वक तय कर सकें. यह कार्यक्रम केवल पढ़ाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह बच्चों के मानसिक और वैचारिक विकास में भी सहायक सिद्ध हो रहा है.

ग्रामीण शिक्षा में नया उजाला

हिंदुस्तान जिंक का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रतीक है. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधारने के इस प्रयास से न केवल छात्रों को उनके विषयों में मदद मिल रही है, बल्कि उनके भविष्य को लेकर नई उम्मीदें भी जन्म ले रही हैं. ऐसे प्रयास अन्य कंपनियों और संस्थानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन सकते हैं, जो अपने सीएसआर के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं.

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now