कोलकाता/नई दिल्ली, 05 नवंबर . केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में अवैध पत्थर खनन से जुड़े एक संगठित मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 20 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया. इस तलाशी अभियान में 60 लाख रुपये से अधिक नकद, एक किलोग्राम से अधिक सोना, 1.2 किलोग्राम चांदी, सोने के आभूषण, मोबाइल, 61 जिंदा कारतूस, संपत्ति संबंधी दस्तावेज, निवेश और सेल कंपनियों से जुड़े कागजात सहित अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं. इनमें से पश्चिम बंगाल में दो जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया.
सीबीआई की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि यह तलाशी अभियान झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर चल रही जांच का हिस्सा है. यह जांच संगठित अवैध खनन गतिविधियों से सरकार को हुए वित्तीय नुकसान, रॉयल्टी का भुगतान न होने और खनन कानूनों के उल्लंघन को लेकर की जा रही है.
सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 34, 379, 323, 500, 504 और 506, आर्म्स एक्ट की धारा 27, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(5) और झारखंड खान एवं खनिज रियायत नियम 2004 की धारा 4/54 के तहत आरोप शामिल हैं. इस मामले में सीबीआई ने 20 नवंबर 2023 को आधिकारिक तौर पर केस दर्ज किया था.
जांच में सामने आया है कि साहेबगंज जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन गतिविधियां चलाई जा रही थीं, जिससे सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ. फील्ड अन्वेषण से यह भी पता चला कि इस अवैध गतिविधि में प्रमुख व्यक्ति और संस्थाएं शामिल थीं, जो अपनी गतिविधियों को छिपाने और अवैध रूप से प्राप्त धन को ट्रांसफर करने के लिए कई तरीके अपनाते थे. प्रारंभिक जांच में सीबीआई ने साक्ष्य जुटाए हैं, जो इस अवैध खनन गतिविधि और उससे प्राप्त आय को छिपाने में कई प्रमुख व्यक्तियों और फर्मों की संलिप्तता और सांठगांठ को दर्शाते हैं.
/ ओम पराशर
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