– कैबिनेट ने 254 नए उर्वरक विक्रय केंद्रों की स्थापना की दी स्वीकृति
– नवीन मेडिकल कॉलेज में प्राध्यापकों की भर्ती की आयु सीमा की गई 50 वर्ष
भोपाल, 05 नवंबर . अब मध्य प्रदेश में महिलाओं को सरकारी नौकरी में 35 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. यह आरक्षण प्रदेश में होने वाली सभी नियुक्तियों में दिया जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी है. दरअसल, महिला आरक्षण 33 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का निर्णय तीन अक्टूबर 2023 को प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज शिवराज सिंह चौहान सरकार ने लिया था. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था. तत्कालीन शिवराज सरकार के इस फैसले का कैबिनेट से अनुमोदन नहीं हुआ था. साल भर बाद जब मंत्रालय के अफसरों को इसकी याद आई तो अब कैबिनेट में यह प्रस्ताव लाया गया. इस फैसले का डॉ. मोहन यादव सरकार ने अनुसमर्थन किया.
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट द्वारा मध्य प्रदेश सिविल सेवा (महिलाओं की नियुक्ति के लिए विशेष उपबंध) नियम, 1997 में मुख्यमंत्री के आदेश 13 सितंबर 2023 एवं इसके परिपालन में विभाग द्वारा जारी अधिसूचना तीन अक्टूबर, 2023 का अनुसमर्थन किया गया. इस निर्णय से महिला आरक्षण 35 प्रतिशत होगा.
254 नए उर्वरक विक्रय केंद्रो की स्थापना की स्वीकृति-
उन्होंने बताया कि कैबिनेट द्वारा वर्ष 2024-25 में (खरीफ एवं रबी सीजन में) 254 नए उर्वरक विक्रय केन्द्र स्थापित करने पर मानव संसाधन पर होने वाली संभावित व्यय की वास्तविक राशि अधिकतम 1 करोड़ 72 लाख रुपये की सीमा तक की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही कैबिनेट द्वारा नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा शिक्षकों की कमी को दृष्टिगत रखते हुए सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष करने की स्वीकृति प्रदान की गई है.
660 मेगावॉट क्षमता की नवीन अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी-
कैबिनेट द्वारा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 (410) मेगावाट) एवं विद्युत गृह क्रमांक 3 (420 मेगावाट) में स्थापित इकाइयों को रिटायर (डी-कमीशन) किये जाने का निर्णय लिया गया. उल्लेखनीय है कि म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 में स्थित इकाई क्रमांक 6 एवं 7 (200 + 210 मेगावॉट) एवं विद्युत गृह क्रमांक 3 में स्थित इकाई क्रमांक 8 एवं 9 (2X210 मेगावॉट) द्वारा रूपांकित आयु पूर्ण कर ली गई हैं. ये इकाइयों लगभग 39 से 44 वर्षों से संचालन में हैं. इन इकाइयों की स्थिति एवं प्रदर्शन के दृष्टिगत म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा इन इकाइयों को रिटायर (डी-कमीशन) किये जाने की चाही गई अनुमति कैबिनेट ने प्रदान की.
निर्णय अनुसार सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी के विद्युत गृह क्रमांक 2 एवं 3 में स्थित इकाई क्रमांक 6 से 9 (कुल क्षमता 830 मेगावॉट) को 30 सितम्बर, 2024 से रिटायर (डी-कमीशन) किये जाने की अनुमति प्रदान की गई. रिटायर (डी-कमीशन) इकाइयों का डिस्पोजल ई-ऑक्शन के माध्यम से किया जायेगा. इन इकाइयों के स्थान पर 660 मेगावॉट क्षमता की नवीन अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई (इकाई क्रमांक 13) की स्थापना के लिए म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा फिजिबिलिटी स्टडी करायी जायेगी.
सह चिकित्सीय पाठ्क्रमों की मान्यता-
म.प्र. सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम, 2000 को निरस्त करने की कार्यवाही को लंबित रखते हुए शैक्षणिक सत्र 2023-24 एवं आगामी सत्रों की मान्यता प्रक्रिया, साथ ही सह-चिकित्सीय पाठ्यक्रम उत्तीर्ण कर्मियों के पंजीयन एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं का आयोजन पूर्व में प्रचलित म.प्र. सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम, 2000 अंतर्गत प्रचलित नियमों के अनुसार, पूर्व में विघटित मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद को पुनर्जीवित करते हुए, पूर्ण किये जाने तथा राष्ट्रीय आयोग द्वारा अधिनियम अंतर्गत प्रावधानित विनियम (रेगुलेशन) जारी होने के उपरांत विनियम के अनुरुप मध्यप्रदेश अलाइड एण्ड हेल्थ केयर कौंसिल द्वारा स्वशासी बोर्ड्स के गठन होने पर पुनर्जीवित मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद स्वतः समाप्त हो जायेगी एवं कैबिनेट के पूर्व में लिये गये निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद अधिनियम 2000 को निरस्त करने की कार्यवाही की जाने की स्वीकृति कैबिनेट द्वारा दी गई.
अन्य निर्णय-
कैबिनेट द्वारा भारत सरकार, सहकारिता मंत्रालय द्वारा लागू की गई केन्द्र प्रवर्तित परियोजना Strengthening of Cooperatives through IT Interventions अन्तर्गत प्रदेश के पंजीयक सहकारी संस्थाएँ कार्यालय के कम्प्यूटराइजेशन के लिए परियोजना की सैद्धांतिक स्वीकृति दी गयी. इस पर 3 करोड़ 68 लाख रुपये व्यय आयेगा, जिसकी 60 प्रतिशत राशि केन्द्र एवं 40 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जायेगी.
तोमर
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